कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने की एकलव्यंस से शिरकत
देहरादून, । रायपुर के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में आयोजित ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव का चैथा संस्करण संपन्न हुआ। उत्सव के आखिरी दिन मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड सरकार के सैन्य कल्याण, कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री, गणेश जोशी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। तीन दिवसीय फेस्ट में उत्तराखंड चैंपियन के रूप में उभरा, जबकि मध्य प्रदेश को दुसरे स्थान से पुरस्कृत किया गया।कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पुरस्कार वितरण समारोह रहा, जहां विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेताओं को गणेश जोशी, उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी गीता धामी, संयुक्त सचिव और एनईएसटीएस के आयुक्त डॉ. नवलजीत कपूर, उप सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार वैभव गोयल, निदेशक जनजातीय कल्याण विभाग उत्तराखंड एसएस टोलिया, अपर निदेशक जनजातीय कल्याण विभाग उत्तराखंड योगेन्द्र रावत, और राज्य समन्वयक ईवीएसएस, जनजाति कल्याण विभाग राजीव कुमार सोलंकी द्वारा सम्मानित किया गया और पुरस्कार प्रदान किए गए। उत्सव के आखिरी दिन के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा की गयी जिनमें सोलो मेलोडिक इंस्ट्रुमेंटल फीमेल सीनियर वर्ग में मध्य प्रदेश की सुवाक्षी कोल, सोलो पर्क्युसिव इंस्ट्रुमेंटल फीमेल सीनियर वर्ग में हिमाचल प्रदेश से डिंपाल चारू, सोलो मेलोडिक इंस्ट्रुमेंटल मेल सीनियर वर्ग में तेलंगाना के अनिकेथ, सोलो पर्क्युसिव इंस्ट्रुमेंटल मेल सीनियर वर्ग में गुजरात के चैधरी मीत शैलेशभाई, अंग्रेजी क्विज जूनियर श्रेणी में सिक्किम से कर्मा डोमा भूटिया और साइमन लिंबू और इंस्ट्रुमेंटल जूनियर और सीनियर वर्ग में ईएमआरएस तेलंगाना शामिल रहे। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स (एनईएसटीएस) और राज्य एकलव्य विद्यालय संगठन समिति (ईवीएसएस) के सहयोग से आयोजित इस उत्सव के आखिरी दिन पर छात्रों ने सोलो संगीत, वाद्य संगीत और कई प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं में भाग लिया। छात्रों के साथ साथ, शिक्षकों ने भी लोक संगीत और वाद्य संगीत में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया। इस के अलावा दिन भर में कई मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी देखने को मिलीं। सांस्कृतिक कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण जाने माने लोक गायक किशन महिपाल की प्रस्तुति रही जिन्होंने सभी का मन मोह लिया।