उत्तराखंड: नजर आ रहा है डबल इंजन का असर
देहरादून : 18 मार्च को उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता संभालने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत आज अपनी सरकार के सौ दिन का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। बात चाहे भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की हो या फिर अवस्थापना विकास को लेकर कदम आगे बढ़ाने की, त्रिवेंद्र सरकार ने सभी क्षेत्रों में इच्छाशक्ति प्रदर्शित की है। हालांकि सौ दिन किसी सरकार के कामकाज के आकलन के लिहाज से बहुत छोटी अवधि है, मगर स्वयं मुख्यमंत्री ने सरकार के लिए पहला लक्ष्य सौ दिन ही निर्धारित किए थे। ‘दैनिक जागरण’ ने सरकार के सौ दिन और भविष्य की योजनाओं पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से विस्तृत बातचीत की।
-सरकार के सौ दिन के कार्यकाल को लेकर आपका आकलन क्या है।
-हमने जिस वादे के साथ शुरुआत की थी, उस पर आगे बढ़ रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामलों में एक्शन की बात हो या फिर विभिन्न क्षेत्रों में विकास, हम सुव्यवस्थित रूप से कदम बढ़ा रहे हैं। लोकायुक्त व तबादला विधेयक विधानसभा में पेश किए जा चुके हैं। परिवहन, पर्यटन, ऊर्जा, रोजगार, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरतों को हमने सबसे पहले लिया है। बजट के अलावा लगभग ढाई सौ करोड़ रुपये पुलों के निर्माण पर खर्च किए जा रहे हैं।
-चुनाव से पहले ‘डबल इंजन’ बड़ी चर्चा में रहा, आपकी सरकार का क्या तजुर्बा है।
-निश्चित रूप से केंद्र में भाजपानीत सरकार होने से राज्य में विकास कार्यों में मदद मिल रही है। चारधाम सड़क योजना हो या फिर रेलवे नेटवर्क, केंद्र ने उत्तराखंड को प्रत्येक अवसर पर सौगात दी। कई महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थान केंद्र ने इस दौरान उत्तराखंड को दिए हैं। इनमें हॉस्पिटेलिटी यूनिवर्सिटी, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियङ्क्षरग और निफ्ट मुख्य हैं। इसके अलावा राज्य में दो नए आइटी पार्क विकसित किए जा रहे हैं।
-परिवहन के क्षेत्र में आपकी सरकार की उपलब्धियां क्या रहीं।
-केंद्र सरकार ने कई सालों से लटकी मुजफ्फरनगर-देवबंद-रुड़की रेललाइन को मंजूरी दे दी है। इससे दिल्ली से देहरादून की दूरी दो घंटे कम होगी तो सीमांत क्षेत्रों और चारधाम तक पहुंचने में भी काफी वक्त बचेगा। हरिद्वार-नेपालीफार्म-ऋषिकेश-देहरादून मेट्रो परियोजना पर काम आरंभ हो गया है। सरकार ने इसके लिए पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति कर दी है।
-एयर कनेक्टिविटी के लिहाज से उत्तराखंड में अभी और ज्यादा संभावनाएं हैं।
-देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा मिल गया है। अब इसका विस्तार किया जा रहा है। पांच सौ हेक्टेयर भूमि की जरूरत है, जिसकी कार्यवाही चल रही है। गौचर हवाई पट्टी के विस्तार के लिए पहाड़ी को काटना होगा। पिछले दिनों वायु सेना के अधिकारियों के साथ भी इस पर मंथन हुआ। चौखुटिया में नया एयरपोर्ट बनाया जाएगा। सामरिक दृष्टि से यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। पिथौरागढ़ की नैनीसैनी हवाई पट्टी पर भी काम चल रहा है।
-पर्यटन उत्तराखंड के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सौ दिन में सरकार ने पर्यटन विकास की क्या योजना तैयार की।
-13 डिस्ट्रिक्ट्स, 13 डेस्टिनेशन नाम से नई योजना शुरू की है। इसके तहत सभी जिलाधिकारियों को अपने जिलों में तीन-चार नए पर्यटक स्थल तलाशने के निर्देश दिए गए हैं। चारधाम सड़क परियोजना राज्य के पर्यटन और तीर्थाटन के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी।
-गंगा-यमुना जैसी सदानीरा नदियों के होते हुए भी राज्य में पेयजल एक समस्या है। इसके निदान के क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
-बजट के अतिरिक्त नाबार्ड से ढाई सौ करोड़ रुपये पेयजल के क्षेत्र में उपयोग किए जा रहे हैं। वर्षा काल में जल संचय के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े-बड़े जलाशय निर्माण किए जा रहे हैं।
-कई बड़ी बांध परियोजनाएं पिछले कई वर्षों से अटकी हुई हैं। सरकार की इनके लिए क्या योजना है।
-जमरानी बांध के निर्माण पर सहमति बन चुकी है। लखवाड़ ब्यासी परियोजना केंद्र के 90:10 की मदद के अनुपात से अगले पांच सालों में तैयार कर ली जाएगी। इस परियोजना से हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल को भी लाभ होगा। पंचेश्वर बांध निर्माण के लिए जल्द टेंडर किए जा रहे हैं। पांच हजार मेगावाट क्षमता की इस परियोजना से होने वाले विस्थापन की कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है।
-बिजली क्षेत्र में सरकार की भावी योजनाएं क्या हैं।
-सबसे पहले तो सरकार देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल में अंडर ग्राउंड केबलिंग करने जा रही है। इसके लिए 1750 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार हो गई है। ऋषिकेश को भी इस योजना में शामिल किए जाने की तैयारी है। राज्य में 64 गांव ऐसे हैं, जहां बिजली नहीं है। दिसंबर तक इन सभी गांवों में बिजली पहुंचा दी जाएगी। 2018 तक हर तोक तक बिजली पहुंच जाएगी।
-पिछली सरकार के दौरान खनन को लेकर काफी विवाद रहा। आपकी सरकार की क्या रणनीति है।
-खनन उत्तराखंड के लिए आय का बड़ा स्रोत है, बशर्ते ईमानदारी से काम किया जाए। हमारी सरकार ने खनन में लगभग 98 फीसद चोरी रोक दी है। इस अवधि में रिकार्ड राजस्व हासिल किया है। केवल हरिद्वार जिले से 13 करोड़ राजस्व और 20 करोड़ पेनाल्टी से सरकार ने वसूले हैं। यही स्थिति ऊधमसिंह नगर जिले में है। सरकार ने अवैध खनन, ओवरलोडिंग पर पूरी तरह रोक लगा दी है। इससे सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई है।
-सबके लिए स्वास्थ्य सुविधा उत्तराखंड में बड़ी चुनौती है। इस दिशा में सरकार क्या करने जा रही है।
-सरकार ने हाल ही में पहली बार एक साथ 240 डॉक्टरों के तबादले किए हैं। इनमें से अधिकांश पर्वतीय क्षेत्रों में भेजे गए हैं। श्रीनगर में स्थित मेडिकल कॉलेज को आम्र्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा है। सभी सरकारी अस्पतालों को ई हॉस्पिटल में तब्दील किए जाने की योजना है। सेना के सेवानिवृत्त डॉक्टरों की सेवाएं लेने पर सरकार विचार कर रही है। अगले दो महीने में राज्य में दो सौ डेंटिस्ट की नियुक्ति की जा रही है। टाटा की मदद से राज्य में छह कैंसर अस्पताल बनाने की योजना है।
-इस सबके अलावा सरकार ने कोई नए लक्ष्य तय किए हैं।
-उत्तराखंड 89 प्रतिशत साक्षरता दर वाला राज्य है। 2019 तक सरकार इसे सौ प्रतिशत साक्षर बनाने जा रही है। 2022 तक सभी को आवास देने का लक्ष्य तय किया गया है। पूरे राज्य के सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और अस्पतालों में बायोमेट्रिक हाजिरी सुनिश्चित की जा रही है। सरकार जल्द एक हजार पटवारियों की भर्ती करने जा रही है। किसानों के लिए दो प्रतिशत ब्याज पर एक लाख तक ऋण की व्यवस्था की गई है। आइटीआइ टीचर्स के स्किल डेवलेंपमेंट की योजना है। आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण के लिए पिथौरागढ़ व चमोली में दो संस्थान खोले जा रहे हैं। उज्ज्वला योजना से वंचित रह गए लोगों को राज्य सरकार मुफ्त गैस कनेक्शन देने जा रही है।