उत्तराखंड पर्यटन को विश्वभर में सम्मान दिलाया रिनचेन नेः महाराज

नैनीताल, । वेन कुंगा रिनचेन ने केवल भारत में ही नहीं, बल्कि यूरोप, नेपाल, ताइवान, सिंगापुर, मलेशिया, श्रीलंका जैसे अनेक देशों में जाकर बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करने के साथ-साथ उत्तराखंड की संस्कृति, शांति और आध्यात्मिकता का भी वैश्विक स्तर पर परिचय करवाया।
उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को जनपद नैनीताल के चोरसा स्थित साधना ध्यान उपवन (रुद्र समतेन गत्सल) के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहीं। उन्होंने कहा कि आज का यह आयोजन केवल एक भवन के लोकार्पण का नहीं, बल्कि यह एक आध्यात्मिक संकल्प, निःस्वार्थ सेवा, और समर्पण की भावना का उत्सव है।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि यह केंद्र, जो चोरसा गांव की शांत वादियों में स्थापित हुआ है, एक साधक की तपस्या और दूरदृष्टि का साकार रूप है। उन्होंने वेन. कुंगा रिनचेन (आनन्द लामा) का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केंद्र न केवल एक दिव्य धरोहर है बल्कि यह उत्तराखंड की आध्यात्मिक चेतना को भी एक नई ऊँचाई प्रदान करता है। वेन. कुंगा रिनचेन जी केवल एक धर्मगुरु नहीं हैं वे एक जनसेवक, एक द्रष्टा, और एक सांस्कृतिक दूत हैं। उन्होंने वर्षों तक उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में जाकर जरूरतमंदों को कंबल, राशन, दवाइयाँ और जीवनोपयोगी सामग्री प्रदान की। उनके द्वारा स्थापित रत्न एवं ज्ञान चौरिटेबल ट्रस्ट इसके अनेक प्रमाण प्रस्तुत करता है।

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