इलाहाबाद: राजनीतिक सहारा छूटते ही सरेंडर होने की मांग करने लगा सपा का बाहुबली नेता
इलाहाबाद। जिस सख्शियत से लोग दहशत खाते थे अब वही बाहुबली नेता कानूनी शिकंजे की दहशत से घबराया हुआ है। समाजवादी पार्टी ने कानपुर कैंट से पूर्व सांसद और बाहुबली अतीक अहमद का टिकट क्या काटा, अतीक की फजीहत शुरू हो गई है। पुलिस से लेकर न्यायालय तक की नजर अतीक पर टेढ़ी है। एक ओर घबराये अतीक ने जिला न्यायालय से गुहार लगाई कि वे वांछित हो तो उन्हें सरेंडर करने दिया जाये। दूसरी ओर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि अतीक को सरेंडर करें तो इससे संबंधित मामला सीधे हाईकोर्ट की देखरेख में ही हो।
पुलिसिया कार्रवाई में हो रही है देरी
दरअसल, इलाहाबाद के नैनी शियाट्स कॉलेज में अतीक और समर्थकों द्वारा बवाल करने के बाद से ही पुलिसिया कार्रवाई रह-रहकर चलती और रुकती रही है। कभी पुलिस बाहुबली को दबोच की बात करती है और कभी अतीक को हाथ लगाने का साहस तक नहीं जुटा पाती। वहीं, दो महीने का वक्त गुजर गया है और अभी तक अतीक को सपा से टिकट मिलने के बाद कट भी गया और चुनाव भी शुरू हो गये लेकिन कार्रवाई वहीं अटकी हुई है।
डरे प्रॉक्टर ने वापस मांगी याचिका
अतीक अहमद का खौफ किस कदर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले शियाट्स के प्रॉक्टर राम किशन सिंह अपनी याचिका ही वापस मांगने लगे। जबकि प्रॉक्टर ने मात्र अपनी सुरक्षा की मांग में याचिका दाखिल की थी। मामले को तूल लेते देख प्रॉक्टर घबरा गये कि अब अतीक उनसे नाराज हो जायेंगे। हाईकोर्ट ने अर्जी को पीआईएल में बदल दिया और सुरक्षा की मांग में दाखिल प्रॉक्टर राम किशन सिंह की अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिका वापसी की मांग को अस्वीकार कर दिया। साथ ही कोर्ट ने प्रॉक्टर की अर्जी को जनहित याचिका में बदलते हुये अब कार्रवाई का मन बना लिया है।
अतीक को हाईकोर्ट में करना होगा सरेंडर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद अतीक अहमद की क्रिमिनल हिस्ट्री तलब की है और अतीक पर सख्ती करने का मन बना चुकी है। कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई जारी है। यदि अतीक अहमद को कोर्ट में समर्पण करना है तो हाईकोर्ट में करें और अगली तारीख तक अन्य कोर्ट समर्पण अर्जी की सुनवाई न करें। वहीं, जिला अदालत के विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमार ने इंस्पेक्टर नैनी को आदेश दिया है कि वे अपनी आख्या 13 फरवरी को पेश करें। अतीक ने बताया कि पुलिस की दबिश से परिवार परेशान है।
मुख्य न्यायाधीश कर रहे हैं सुनवाई
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ कर रही है। कोर्ट ने शियाट्स कॉलेज परिसर में घुसने को गंभीर माना और कहा कि एसपी गिरफ्तारी करने में असमर्थ हो तो कोर्ट जांच अन्य एजेंसी को सौंपने पर विचार करें। गौरतलब है कि अतीक और 50 से अधिक समर्थकों पर शियाट्स कॉलेज में बवाल करने के चलते कई संगीन धाराओं में एफआइआर दर्ज है। ये भी पढ़ें: यूपी चुनाव: बाहुबली मंत्री के बेटे को नामांकन के लिये मिली पैरोल
Source: hindi.oneindia.com