आइआइटी रुड़की में स्वदेशी होगी दीक्षांत समारोह की पोशाक

रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की में दीक्षांत समारोह की पोशाक बदलने पर विचार किया जा रहा है। अगर संस्थान की सीनेट फैसले पर मुहर लगा देती है तो इस वर्ष संस्थान में आयोजित होने वाले समारोह में फैकल्टी और छात्र अंग्रेजी शासनकाल से चली आ रही पोशाक की जगह स्वदेशी पोशाक में नजर आएंगे।

आइआइटी रुड़की में इस वर्ष 23 सितंबर को दीक्षांत समारोह आयोजित होना है। इसे लेकर संस्थान में जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं। समारोह के सफल आयोजन के लिए 21 कमेटियों का गठन किया गया है। पिछले दिनों संस्थान के निदेशक प्रो. एके चतुर्वेदी ने इन कमेटियों के सदस्यों की बैठक ली थी। इसमें कुछ प्राध्यापकों ने दीक्षांत समारोह में फैकल्टी और छात्रों द्वारा पहने जाने वाली पोशाक को बदलने का मुद्दा उठाया।

इस बारे में चर्चा के बाद संस्थान के निदेशक ने इस मुद्दे को इसी माह होने वाली सीनेट में रखने का फैसला लिया है। पोशाक क्या होनी चाहिए, इस पर भी सीनेट में ही फैसला लिया जाएगा। निदेशक चतुर्वेदी के अनुसार दीक्षांत समारोह के लिए गठित कमेटियों ने दीक्षांत समारोह की पोशाक को बदलने का प्रस्ताव रखा है। सीनेट में इस पर जो भी फैसला होगा, उसी के अनुसार आगे कदम उठाए जाएंगे।

1847 में शुरू हुआ था संस्थान 

रुड़की में संस्थान की शुरुआत वर्ष 1847 में हुई थी। तब इसे रुड़की कॉलेज नाम दिया गया। इसके बाद 1854 में इसे थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग, 1947 में थॉमसन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और 1949 में यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की नाम मिला। 21 सितंबर 2001 को संसद के एक अधिनियम के माध्यम से भारत सरकार ने रुड़की विश्वविद्यालय को आइआइटी में रूपांतरित कर दिया।

सीएम भी कर चुके हैं इन्कार 

बीते माह यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) के दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गाउन पहनने से इनकार कर दिया था। उन्होंने गाउन को फिरंगियों की निशानी बताते हुए इसका परित्याग करने और छात्रों का स्वदेशी पोशाक पहनने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री की इस अपील का वहां उपस्थित छात्रों और अभिभावकों ने तालियों से स्वागत किया था।

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