आंध्रा बैंक को इलेक्ट्रिकल कंपनी ने लगाया 71 करोड़ रुपए का चूना, CBI ने दर्ज किया केस
नई दिल्ली। सीबीआई ने एक इलेक्ट्रिकल मैन्युफैक्चरर ‘बेस्ट एंड क्रॉम्पटन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स लिमिटेड’ के खिलाफ केस दर्ज किया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने आंध्रा बैंक के साथ करीब 71 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। सीबीआई की एफआईआर में चेन्नई की इस कंपनी और इसके 5 डायरेक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर काकुलामारी श्रीनिवास कल्याण राव पर केस दर्ज किया गया है। अपनी एफआईआर में सीबीआई ने आईपीसी की धाराओं के तहत आपराधिक षड़यंत्र, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का केस दर्ज किया है। ये भी पढ़ें- कर्नाटक: कांग्रेस विधायक के ठिकानों पर IT का छापा, 120 करोड़ की अघोषित संपत्ति का खुलासा
यह एफआईआर आंध्रा बैंक की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है, जिसने कंपनी की वर्किंग कैपिटल, बैंक गारंटी और लेटर्स ऑफ क्रेडिट को 60 करोड़ रुपए बढ़ा दिया। इसके बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने भी कंपनी की लिमिट को 310 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 900 करोड़ रुपए करने का फैसला किया। एफआईआर में यह भी दावा किया गया है कि कंपनी ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक के समूह की तरफ से क्रेडिट लिमिट बढ़ाए जाने के बाद कई नए प्रोजेक्ट ले लिए, लेकिन किसी को भी समय पर पूरा नहीं कर सकी। ये भी पढ़ें- पाक में छप रहे 2000 के जाली नोट, एक नोट की कीमत 400 से 600 रुपए , बांग्लादेश बॉर्डर से आ रहे भारत
छानबीन के दौरान बैंकों ने पाया कि कंपनी ने कुछ संदिग्ध सेल्स की हैं। साथ ही, कंपनी इन सभी बैंकों में 24 खाते खोलकर उनमें हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन कर रही थी, जिस पर बैंकों के समूह का कोई कंट्रोल नहीं था। साथ ही कंपनी पैसों से यहां से वहां भी भेज रही थी। आंध्र बैंक को जोनल मैनेजर ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने बैंक को धोखा देने के इरादे से ही अपनी वर्किंग कैपिटल, बैंक गारंटी और लेटर्स ऑफ क्रेडिट को बढ़ाया है।
Source: hindi.oneindia.com