आप भी पढियें इंडिया वार्ता की खास खबर,लॉकडाउन ने छीनी नौकरी तो बंजर जमीन पर लिख दी रोजगार की इबारत
टिहरी । कई बार किस्मत का पन्ना पलटने से पहले हमारे साथ कुछ बुरा होता है लेकिन अगले ही पल जो कहानी बन जाती है वो टिहरी के रहने वाले प्रकाश बडोनी जैसी ही होती है। प्रकाश बडोनी उत्तराखंड के थौलधार इलाके के रहने वाले हैं। पहाड़ों से पलायन करने वालों में से प्रकाश बडोनी भी एक थे लेकिन जब लॉकडाउन के दौरान उनकी वापसी हुई तो उन्होंने गांव में अपनी बंजर जमीन के टुकड़े को ही अपनी नियति मान लिया और इसे ही रोजगार का जरिया बना लिया।
प्रकाश बडोनी लॉकडाउन से पहले गुरुग्राम में नौकरी करते थे जो कोरोना संक्रमण काल में छूट गई। ऐसे में उनके सामने रोजगार का संकट था। फिर प्रकाश ने 15 साल से बंजर पड़ी अपनी जमीन में शिमला मिर्च, टमाटर, करेला, पालक, गोभी ,खीरा, कद्दू ,भिंडी और लौकी जैसी फसलें उगाईं और अच्छा मुनाफा कमाया। उनके इस काम में प्रकाश के भाई ने भी साथ दिया. अब थौलधार ब्लॉक के खर्क भेडी गांव वाले प्रकाश अपने इलाके में मशहूर हो चुके हैं।
प्रकाश बडोनी ने अपने फसलों की एक फोटो के साथ सरकार से सहयोग करने के लिए मुख्यमंत्री को ट्वीट भी किया था। उनके इस काम से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनकी सराहना की। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डीएम टिहरी को भी निर्देश भी दिए हैं कि जो भी सहयोग हो सकता है, उसे प्रकाश बडोनी को उपलब्ध कराया जाए।
बडोनी भाइयों का कहना है कि अगर सरकार उनका साथ दें तो वह बड़े पैमाने पर सब्जियों को उगा सकते हैं और दूसरे प्रवासी लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने अभी 10 हजार की सब्जियां अपनी बंजर जमीन में उगाकर बेची हैं. जबकि उनके खेत में तकरीबन 20 से 30 हजार की सब्जी लगी हुई है। प्रकाश बडोनी की ये पहले दूसरे प्रवासी लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है. सरकार भी ऐसे लोगों की मदद करने का आश्वासन दे रही ताकि पहाड़ों की रौनक फिर वापस आए और पलायन के दरवाजे खुद ब खुद बंद हो जाएं।