फतेहपुर में अवैध मौरंग खनन से यमुना की बदली जलधारा
फतेहपुर । खागा तहसील के रानीपुर घाट में इतनी गहराई से मौरंग खनन किया गया कि यमुना की मुख्य जलधारा ही बदल गई। अïवैध खनन मामले की जांच कर रही सीबीआइ टीम भी यह हालात देख चौंक गई। टीम ने वीडियोग्राफी कराकर पूरे दृश्य को कैद किया। राजस्व टीम के साथ रानीपुर व गुरवल के भूखंडों में खनन के क्षेत्रफल की पैमाइश करने के साथ नजरी नक्शे का मिलान किया। रानीपुर में टीम के दो घंटे तक की सघन जांच से मौरंग कारोबारियों में हड़कंप मचा रहा।
आठ जनवरी से जिले में डेरा डाले सीबीआइ टीम वर्ष 2012 से 15 तक हुए अवैध मौरंग खनन की परतें उधेडऩे में लगी है। पूछताछ के बाद टीम ने रविवार को खागा तहसील के गुरवल व रानीपुर मौरंग खनन पहुंच कर सघन जांच की। राजस्व टीम के साथ सीबीआइ अधिकारी मौके का निरीक्षण कर खनन के साक्ष्य खोजते रहे। दस्तावेजों के अनुसार घाट में खनन की मिली अनुमति के सापेक्ष कराए गए खनन की नाप-जोख की।
रानीपुर खादान में हाल का खनन देख कर टीम ने खनन विभाग के अधिकारियों से पूरी जानकारी लेने के साथ मौके की वीडियोग्राफी भी कराई। खनन अधिकारी ने बताया कि रानीपुर में ताजा अवैध खनन ऐरई घाट के संचालक ने कराया था, जिसका परमिट निरस्त करने के साथ 18 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। गुरवल में टीम ने देर शाम तक स्थलीय निरीक्षण कर पुराने खनन के साक्ष्य खंगाले।
घाट तक जाने वाले रास्ते सहित यमुना की तलहटी से मौरंग वाले पूरे भूखंड की वीडियोग्राफी कराई। टीम के पहुंचने पर आसपास के ग्रामीण पहुंच गए। डिप्टी एसपी केपी शर्मा के नेतृत्व में टीम के सदस्य ग्रामीणों से उस समय हुए खनन की जानकारी लेते रहे। राजस्व टीम में कानूनगो ओमप्रकाश व लेखपाल सुरभूप पांडेय लगे रहे।