“आपदा जोखिम बीमा क्यों महत्वपूर्णः मुख्य अवधारणाएं और लाभ” पर कार्यशाला आयोजित
देहरादून, । प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने बीमा उत्पादों/बॉन्डों तथा क्षति एवं नुकसान का आकलन करने की प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के प्रयासों और प्रमुख घटनाक्रमों पर प्रकाश डाला। डॉ. मिश्रा ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की आपदा जोखिम बीमा क्यों महत्वपूर्ण है-प्रमुख अवधारणाएं और लाभ विषय पर हुई कार्यशाला को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा कि उभरते रुझान आपदा जोखिम बीमा के अनुप्रयोग में नवाचार करने और अधिक लचीले, कुशल और समावेशी बीमा समाधानों की दिशा में वैश्विक रुझान में शामिल होने की भारत की क्षमता को उजागर करते हैं। भारत सहित विश्व भर में बार-बार आपदाओं का आना और उनकी तीव्रता में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. मिश्रा ने विभिन्न क्षेत्रों और संस्थाओं में बीमा कवरेज के विस्तार के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण की वकालत की। उन्होंने एक मजबूत बीमांकिक विशेषज्ञता और एक अच्छी तरह से परिभाषित कानूनी ढांचे की आवश्यकता को रेखांकित किया।
बीमा कवरेज के विस्तार में इन उभरते रुझानों के संदर्भ में, उन्होंने दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। सबसे पहले, हम आबादी के उन वर्गों तक कैसे प्रभावी ढंग से पहुंच सकते हैं जिन्हें बीमा खरीदना मुश्किल लगता है? इससे पहुंच से जुड़े सवाल उठते हैं हम अधिक किफायती मूल्य निर्धारण, जागरूकता बढ़ाने और दावा निपटान प्रक्रिया को सरल बनाने के माध्यम से बीमा पहुंच को कैसे व्यापक बना सकते हैं? उन्होंने यह सुनिश्चित करने का सुझाव दिया कि बीमा न केवल उपलब्ध हो बल्कि सबसे कमजोर लोगों के लिए भी सुलभ हो, जो एक महत्वपूर्ण चुनौती है जिसका हमें पार पाना चाहिए। दूसरा, बीमा के विस्तार में सरकार की क्या भूमिका होनी चाहिए? क्या सरकार को एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना चाहिए, बीमा बाजार के विकास को सुविधाजनक बनाना चाहिए, या उसे कुछ क्षेत्रों के लिए बीमा खरीदने जैसी अधिक प्रत्यक्ष भूमिका निभानी चाहिए? सरकार को सार्वजनिक-निजी भागीदारी कैसे कायम करनी चाहिए जो बीमा सेवाओं और उत्पादों की पहुंच में सुधार करे? उन्होंने कहा कि ये महत्वपूर्ण प्रश्न सीधे बीमा-संबंधी हस्तक्षेपों की राजकोषीय स्थिरता से संबंधित हैं।
इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन और प्रतिबद्धता पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने 2016 में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) से जुड़े एक सर्व-समावेशी 10 सूत्री एजेंडे पर विस्तार से चर्चा की। प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने विशेष रूप से कहा कि आपदा जोखिम कवरेज सभी के लिए जरूरी है, चाहे वह गरीब परिवार हों, छोटे और मध्यम उद्यम हों, बहुराष्ट्रीय निगम हों या कोई देश हो।
डॉ. मिश्रा ने दो अहम सरकार समर्थित बीमा कार्यक्रमों, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और आयुष्मान भारत का उल्लेख किया।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि असुरक्षित आबादी को सुरक्षा प्रदान करके भारत के सामाजिक उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ पीएमएफबीवाई कृषि क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करती है, किसानों को सस्ती फसल बीमा प्रदान करती है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल के नुकसान से उनकी आय की रक्षा होती है। उन्होंने आगे कहा कि यह योजना किसानों की आजीविका का समर्थन करती है और ग्रामीण क्षेत्रों में लचीलापन बढ़ाती है।