औली और गोरसों होंगे विकसित, बनेंगे विंटर टूरिस्ट स्पॉट
देहरादून : औली और गोरसों को शीतकालीन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। फ्रांस की मदद से इसे अंजाम देने की योजना पर सरकार ने काम शुरू कर दिया है। औली से गोरसों तक रोपवे का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए भी फ्रांस से आर्थिक सहायता लेने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पर्यटन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत है। राज्य की आर्थिकी के लिए ये अहम कदम साबित होगा। इसे ध्यान में रखकर औली को अधिक विकसित किया जाएगा। इस कड़ी में फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्कीईंग ने औली में अगले वर्ष 15 जनवरी से 21 जनवरी तक दो स्कीईंग प्रतिस्पर्धा पर हामी भरी है।
इससे अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर औली को पहचान दिलाने में मदद मिलेगी। इस आयोजन की गंभीरता से तैयारी की जा रही है। औली में स्नो मेकिंग मशीन और स्की लिफ्ट को दुरुस्त किया जाएगा। इसमें फ्रांस की मदद ली जा रही है। स्नो मेकिंग मशीन में कुछ खराबियां हैं, इन्हें दूर किया जाएगा। साथ ही स्की लिफ्ट के बिजली गिरने से खराब हुए पैनल की मरम्मत की जाएगी। पैनल बदले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि औली और गोरसों को विकसित करने के लिए अल्पकालिक व दीर्घकालिक योजना तैयार की जा रही है। फ्रांस की कंसल्टेंट कंपनी इसका मास्टर प्लान तैयार करेगी। गोरसों में आठ प्रकार की स्कीईंग प्रतिस्पर्धाएं हो सकेंगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि स्नो मेकिंग मशीन स्थापित करने वाली इटली की कंपनी को अब फ्रांस की कंपनी अधिग्रहीत कर चुकी है। लिहाजा फ्रांस की कंपनी स्नो मेकिंग मशीन में आई खराबी दूर करने में रुचि ले रही है।
केदारनाथ रोपवे की नई डीपीआर
उन्होंने बताया कि केदारनाथ रोपवे के लिए नए सिरे से डीपीआर बनाई जाएगी। यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब तक रोपवे बनाने के लिए पुरानी प्रक्रिया रद की गई है। इनके लिए नए सिरे से टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। पूर्णागिरी के लिए रोपवे पर दो-तीन माह में काम शुरू होगा। वहीं सुरकंडा देवी मंदिर में रोपवे के लिए प्लेटफार्म बनना शुरू हो चुका है।
बदरीनाथ धाम में केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना और प्रसाद योजना के तहत मदद प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही महाभारत सर्किट योजना को टूर ऑपरेटर्स के सहयोग से अंजाम देने पर विचार किया जा रहा है।
जीएमवीएन-केएमवीएन का एकीकरण
पर्यटन सचिव ने कहा कि गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊं मंडल विकास निगम के एकीकरण के साथ ही उक्त दोनों निगमों के उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में विलय के प्रस्तावों पर विचार चल रहा है। इस संबंध में कैबिनेट में जल्द प्रस्ताव आएगा।
पहले चरण में कैबिनेट में सैद्धांतिक सहमति के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा। उधर, पर्यटन विभाग के एक विज्ञापन में मुख्यमंत्री का फोटो नहीं होने के मामले में किरकिरी के बाद महकमे को भविष्य में ऐसी गलती नहीं दोहराने के निर्देश दिए गए हैं।