मुख्यमन्त्री ने अपने नामांकन में क्यों छिपायी ढैंचा पी0आई0एल0ः मोर्चा
देहरादून/विकासनगर, । जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत के बयान ‘‘भ्रष्टाचार है तो तुरन्त बतायें’’ की कड़ी में मोर्चा द्वारा सीरियल अटैक किये जाने की घोषणा की गयी थी। उक्त मामले में सातवाँ अटैक करते हुए नेगी ने कहा कि त्रिवेन्द्र रावत द्वारा विधानसभा चुनाव 2017 के अपने नामांकन पत्र में कहीं भी ढैंचा बीज घोटाले से जुड़ी जनहित याचिका सं0 70ध्2015 का कहीं भी उल्लेख नहीं किया। मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए श्री नेगी ने कहा कि उक्त ढैंचा बीज घोटाले के पर्दाफाश को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी थी तथा नामांकन के समय भी उक्त याचिका लम्बित थी तथा 20.07.2015 को न्यायालय ने प्रतिवादी को काउंटर एफीडेविट फाईल करने के आदेश पारित किये थे। नेगी ने कहा कि त्रिवेन्द्र सिंह रावत को ढैंचा बीज घोटाले में गठित त्रिपाठी जाँच आयोग की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया था। न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 28.02.2017 के द्वारा मामले काउंटर एफीडेविट जमा करने हेतु 24.04.2017 की तिथि नियत की थी। मोर्चा ने हैरानी जतायी कि अगर ढैंचा बीज घोटाले का नामांकन पत्र में जिक्र होता तो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कभी भी श्री रावत को सी0एम0 नहीं बनाता। मोर्चा सी0एम0 से मांग करता है कि घोटाले में योजित पी0आई0एल0 के बारे में जनता को बतायें। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, मौ0 असद, ओ0पी0 राणा, प्रवीण शर्मा पीन्नी आदि उपस्थित रहे।