क्यों किसानों का आंदोलन जल्द खत्म करना चाहती है बीजेपी? पार्टी को सता रहे ये डर
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का पिछले कई दिनों से हल्ला-बोल जारी है। बड़ी संख्या में किसान हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और कृषि कानूनों को वापस लेने या फिर उसमें एमएसपी समेत कई प्रावधानों को जोड़ने की मांग कर रहे हैं। इस बीच, बीजेपी लीडरशिप किसानों के आंदोलन को जल्द हल करना चाहती है। पार्टी को आशंका है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर पार्टी के पंजाब में एक्सपेंशन प्लान को झटका लग सकता है। इसके साथ ही, केंद्र सरकार की ‘प्रो-फार्मर इमेज’ भी खराब हो सकती है।बीजेपी से जुड़े लोगों का मानना है कि किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध जल्द खत्म होगा। मंगलवार को किसान संगठनों के साथ सरकार की बातचीत हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। तीन दिसंबर को फिर से एक बार सरकार और किसान संगठन बात करेंगे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार को दिए गए बयान से साफ है कि सरकार किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार है, लेकिन कानून वापस नहीं होंगे। उन्होंने आगे कहा, ”किसानों की वास्तविक शिकायतों का समाधान किया जाएगा। उन्हें कुछ पहलुओं पर चिंता है जैसे कि क्या सरकार एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) देना जारी रखेगी। हम उन चिंताओं का जवाब देने के लिए तैयार हैं। कानूनों को वापस लेने की मांग अफवाहों पर आधारित है।”