मैली होती गई AAP की उजली चादर: जानिए, केजरीवाल समेत मंत्रियों पर क्या लगे दाग
नई दिल्ली । दिल्ली में आप सरकार के गठन के बाद से आम आदमी पार्टी लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी है। सरकार के मंत्रियों से लेकर विधायकों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों में कुछ मंत्री हटाए गए तो कुछ आज भी दिल्ली सरकार में हैं।
आप के नैतिक मूल्यों व भ्रष्टाचार रहित प्रशासन का वादा कर दिल्ली की सत्ता में आई थी। जन लोकपाल कानून को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ लड़ाई शुरू करने वाले अरविंद केजरीवाल ने जनता के सामने साफ-सुथरी राजनीति के लिए एक विकल्प दिया था। लेकिन सत्ता मिलते ही आप के मंत्रियों पर दाग लगने का सिलसिला शुरू हुआ तो थमने का नाम नहीं लिया। यहां तक कि खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल भी इस दाग से मुक्त नहीं हैं।
1- साढ़ू के चक्कर में फंसे CM अरविंद केजरीवाल
आरोपों से मुख्यमंत्री भी नहीं बचे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र बंसल (दिवंगत) ने लोक निर्माण विभाग के कार्यों के फर्जी बिलों के भुगतान के लिए उनके नाम का सहारा लिया। इस मामले में हुई एफआइआर में मुख्यमंत्री का भी नाम है। उनके साथी रहे पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा केजरीवाल को दो करोड़ रुपये लेते देखने का आरोप लगा चुके हैं।
2- टॉक टू एके आयोजन में सिसोदिया के खिलाफ जांच
आरोप है कि जनता से रूबरू होने के लिए आयोजित किए गए मुख्यमंत्री के कार्यक्रम टॉक टू एके के लिए नहीं ली गई अनुमति। आरोप है कि नियमों की धज्जियां उड़ा कर इस कार्यक्रम के आयोजन की जिम्मेदारी एक कंपनी को दे दी गई। इस मामले की सीबीआइ जांच कर रही है।
3- काले धन को सफेद करने के चक्कर में फंसे सत्येंद्र जैन
सत्येंद्र जैन आप सरकार के कद्दावर मंत्री हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने काले धन को सफेद करने के लिए फर्जी कंपनियां खोलीं। काले धन को सफेद किया। सीबीआइ व आयकर विभाग उनसे कई बार पूछताछ कर चुके हैं। लोक निर्माण विभाग के उनके कुछ फैसलों की भी सीबीआइ जांच कर रही है।
4- प्रीमियम बस सेवा मामले में फंस गए श्रम मंत्री गोपाल राय
परिवहन मंत्री रहते हुए गोपाल राय के खिलाफ प्रीमियम बस सेवा शुरू करने के लिए तैयार की गई योजना में गड़बड़ी किए जाने का आरोप है। इस मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक शाखा कर रही है। बुलाए जाने पर शाखा के सामने पेश होने से पहले जून 2016 में राय को परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
5- फर्जी डिग्री के जाल में फंस गए जितेंद्र तोमर
कानून व पर्यटन मंत्री रहे जितेंद्र सिंह तोमर पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी डिग्री का सहारा लिया। दिल्ली पुलिस ने मंत्री रहते हुए गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था। यह मुकदमा अभी अदालत में है।
6- खाद्य आपूर्ति मामले में आसिम अहमद हुए बर्खास्त
आसिम अहमद केजरीवाल सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने इलाके में एक निर्माण के मामले में एक बिल्डर से रिश्वत मांगी। इस मामले में उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया गया। मामले की सीबीआइ जांच कर रही है।
7- सैक्स स्कैंडल के आरोप में मंत्री संदीप कुमार हुए बर्खास्त
नैतिकता की बात करने वाली आम आदमी पार्टी सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्री संदीप कुमार सैक्स स्कैंडल के आरोप में बर्खास्त किए गए, गिरफ्तार हुए। कई माह तिहाड़ जेल में रहे। अब जमानत पर हैं।
जन लोकपाल कानून को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ लड़ाई शुरू करने वाले अरविंद केजरीवाल ने जनता के सामने साफ-सुथरी राजनीति के लिए एक विकल्प दिया था। इस विकल्प का नाम था आम आदमी पार्टी। इसका गठन 26 नवंबर 2012 को किया था। उस समय भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी कांग्रेस से आजिज जनता ने केजरीवाल और इनकी पार्टी पर आंख बंद करके भरोसा किया।
मगर आप सरकार गठन के तीन साल में ही अर्स से फर्श पर आने की ओर उतावली है। सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, श्रम मंत्री गोपाल राय, पूर्व खाद्य मंत्री आसिम अहमद खान, विधायक अमानतुल्लाह भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हैं।
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पद चिन्हों पर चलने की दुहाई देने वाले केजरीवाल सत्ता में आने के बाद उन्हीं के बनाए संविधान की धज्जियां उड़ाते रहे हैं। इसके चलते पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता भी चली गई है। अब दिल्ली में छह माह में इन सीटों पर उपचुनाव होना है। ऐसे में पार्टी के लिए इन सीटों पर चुनाव में जाना खासा मुश्किल भरा होगा। क्योंकि आप सरकार केंद्र सरकार से लड़ाई में उलझी रही है।
विधायक पिछले तीन साल में ऐसा कोई कार्य नहीं करा सके हैं जिसे वे अपनी उपलब्धि कह सकें। इन हालातों में आप के लिए यह उप चुनाव बहुत मुश्किल भरा होगा।