पश्चिम बंगाल, केरल व ओडिशा ने केंद्र की स्कीम से खींचे कदम
नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल, केरल व ओडिशा ने केंद्र की विशेष स्कीम से अपने कदम खींच लिए हैं। इन तीनों राज्यों का कहना है कि केंद्र ने उन्हें बताए बगैर उनके राज्यों से जिलों का चयन कर लिया। यह सरासर संवैधानिक अधिकारों पर चोट है।
केंद्र ने स्कीम के तहत बेहद पिछड़े जिलों को मुख्यधारा में लाने की योजना तैयार की थी। पोषण, स्वास्थ्य व शिक्षा के पैमाने पर नीति आयोग ने इन जिलों को वरीयता देनी है। स्कीम से पहले 115 जिले संबद्ध किए गए थे, लेकिन अब तीन राज्यों के कदम वापस खींचने से जिलों की तादाद 102 रह गई है।
खास बात है कि तीनों राज्यों गैर भाजपा शासित हैं। प. बंगाल में तृणमूल की सरकार है तो केरल व ओडिसा में माकपा नीति सरकारें हैं। इन जिलों की काफ्रेंस को पीएम संबोधित कर चुके हैं। तब 115 जिलों की तरफ से हर एक के डीसी बैठक में शिरकत करने आए थे। केंद्र ने समन्वय स्थापित करने के लिए संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को ऑफिस इन चार्ज नियुक्त किया है।