उत्तराखण्ड सरकार स्वास्थ्यसेवा कर्मियों को दे रही है पेलिएटिव केयर में प्रशिक्षण
देहरादून,। कोविड-19 से पीड़ित मरीज़ों और उनके परिवारों को राहत देने के प्रयास में स्वास्थ्यसेवा प्रदाताओं को ज़रूरी कौशल प्रदान करने के लिए, त्रिवेन्द्रमइन्सटीट्यूट आफ पेलिएटिव साइन्सेज़, जो केरल में दर्द निवारण पर नीति एवं प्रशिक्षण हेतु विश्व स्वास्थ्य संगठन का सहयोगी केन्द्र है, ने बेसिक पेलिएटिव केयर (मूल दर्दनिवारकदेखभाल) के लिए साप्ताहिक आनलाईन प्रशिक्षण की शुरूआत की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड ने डाक्टरों, स्टाफ की नर्सों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पैरामेडिकल स्टाफ केप्रशिक्षण के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। पहले सप्ताह में 300 से अधिक प्रतिभागियों को इसमें नामांकित किया जाएगा।
पेलिकोविड केरल टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्य के नोडल अधिकारी, नेशनल प्रोग्राम फार पेलिएटिव केयर, डा फरीदुज्ज़फ़र ने कहा, ‘‘यह बेहद सराहनीयकार्य है। हमें खुशी है कि हमारे स्वास्थ्यकर्मी आज कोविड-19 के प्रबंधन के साथ-साथ पेलिएटिव केयर के लिए भी सशक्त है। हमें प्रतिभागियों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और हमप्रशिक्षण देने वाली टीम के प्रति आभारी हैं।’’
सत्रों का आयोजन ECHO प्लेटफार्म पर किया जाता है, प्रतिभागी पांच दिनों तक, रोज़ाना 1 घण्टे 15 मिनट के सत्र में हिस्सा लेते हैं, जिसमें व्याख्यान, केस स्टडी एवं खुली चर्चाओं काआयोजन होता है। इसके माध्यम से उन्हें मरीज़ एवं उसके परिवार के लिए प्रासंगिक पेलिएटिव केयर के बारे में जानने का अवसर मिलता है, इस तरह की देखभाल, दुख और शोक सेगुज़र रहे मरीज़ के परिवार के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है।
उत्तराखण्ड सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए डा एम आर राजगोपाल, डायरेक्टर, त्रिवेन्द्रम इन्स्टीट्यूट आफ पेलिएटिव साइन्सेज़ ने कहा, ‘‘मैं उत्तराखण्ड सरकारको बधाई देता हूं, जिसने इस प्रशिक्षण का महत्व समझा और चिकित्सा सेवा प्रदाताओं को इसमें हिस्सा लेने का अवसर प्रदान किया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से चिकित्सा सेवाप्रदाताओं को उपचार के साथ सहानुभूति अपनाने, सोच-समझ कर फैसला लेने और अपनी देखभाल के बारे में भी बताया गया। अगर इस आसान से समाधान को सभी सरकारों के द्वाराअपना लिया जाए तो हमारे चिकित्सा सेवा कर्मियों को मौजूदा एवं भावी आपदाओं के लिए तैयार किया जा सकता है।’’
आनलाईन प्रशिक्षण के विषयों में शामिल हैंः
o कोविड-19 में पेलिएटिव केयर की प्रासंगिकता तथा दुख एवं शोक की अवधारणा
o कोविड-19 के मुख्य लक्षणों का प्रबंधन (खांसी, सांस लेने में परेशानी/बेहोशी महसूस करना/ बुखार/ मांसपेशियों में दर्द)
o संचार के मूल सिद्धान्तों को अपनाकर कैसे भावनात्मक सहयोग दिया जाए
o नैतिक मुद्दों के प्रबंधन के लिए विशेष संदर्भ के साथ कोविड-19 में गंभीर रोगियों को अलग करना
o अपनी खुद की देखभाल
इस गंभीर बीमारी के संदर्भ में मरीज़ और उसके परिवार के लिए पेलिएटिव केयर बहुत अधिक मायने रखती है। इसमें रोग के लक्षणों जैसे दर्द, सांस लेने में परेशानी- की रोकथाम,मूल्यांकन एवं प्रबंधन तथा मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और अध्यात्मिक सहयोग देना शामिल है।