उत्तराखंड: कड़ाके की सर्दी के बीच मुनस्यारी व अल्मोड़ा में जल रहे जंगल
मुनस्यारी। भारी बर्फबारी के बाद पहाड़ों पर पड़ रह पाले के बीच कुछ स्थानों पर जंगल की आग की घटना हैरत करने वाली है। मुनस्यारी में रातापानी और अल्मोड़ा में करबला के जंगलों में आग से जहां बेशकीमती वन संपदा नष्ट हो रही है वहीं वन्य जीवों के अस्तित्व पर खतरा बन गया है। वन विभाग इसे असामाजिक तत्वों की करतूत मान रहा है।मुनस्यारी से सटे रातापानी का दस हेक्टेयर जंगल पिछले 72 घंटे से धधक रहा है। इसी तरह अल्मोड़ा में मंगलवार को विवेकानंद कार्नर से लगा करबला क्षेत्र के जंगल में आग लग गई। हालांकि बुधवार सुबह पाला गिरने से आग बुझ गई, लेकिन जंगल में लगी आग की जानकारी वन विभाग को बुधवार की सुबह पता चल पाई।आग से लाखों की वन संपदा जलकर खाकआग से लाखों की वन संपदा जलकर खाक हो गई है। आग की भेंट चढ़े 100 से अधिक पेड़ धराशाई हो चुके हैं। हालांकि मुनस्यारी रेंज अधिकारी पूरन सिंह देउपा के अनुसार आग बुझाने के लिए टीम मौके पर भेजी गई है। ढलान और खड़ी चट्टान होने से आग बुझाने में दिक्कत हो रही है। जल्द आग पर काबू पा लिया जाएगा।इस जंगल में फैली आग ने हरे-भरे पेड़ों और जड़ी-बूटियों को अपनी चपेट में ले लिया है। बांज, बुरांश, खरसू सहित अन्य कई इमारती पेड़ों को खासा नुकसान पहुंचा है। यह सभी बनस्पतियां पहाड़ों में वातावरण को ठंडा बनाये रखने और जलस्रोत संरक्षित करने के लिए जानी जाती हैं।यह जंगल घुरड़, कांकड़ सहित राज्य पक्षी मोनाल का डेरा है। यहां ये दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव बहुतायत में मिलते हैं। रातापानी के पास थल-मुनस्यारी सड़क पर ये वन्यजीव टहलते हुए देखे जा सकते हैं। यहां आग फैलने से इन दुर्लभ वन्य जीवों पर भी संकट गहरा गया है।