उत्तराखण्ड : निकाय चुनाव में भी भाजपा आगे
उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विधानसभा की एक सीट पर हुए उप चुनाव में पार्टी को विजय दिलवाकर यह साबित कर दिया था कि जनता पर उनकी पकड़ मजबूत है। अब राज्य में हुए निकाय चुनाव में भाजपा को सबसे आगे रखकर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी का सफल निर्वहन किया है। हालांकि उनकी असली परीक्षा तो 2019 में होनी है जब भाजपा को वहां की सभी लोकसभा सीटों पर फिर से कब्जा करना होगा। उस परीक्षा के लिए आधार मजबूत हो रहा है और जहां कमी दिख रही है वहां सुधार करने का अभी भाजपा के पास अवसर है। निकाय चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को काफी दूर पटक दिया है लेकिन कैबिनेट मंत्री के गढ़ में ही भाजपा प्रत्याशी हार गया। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पार्टी के सभी प्रत्याशियों को विजय दिलाने का प्रयास करते रहे और अपने ही चुनाव क्षेत्र डोईवाला में नगर पालिका की सीट को नहीं बचा पाये। इस प्रकार निकाय चुनाव ने उत्तराखण्ड में भाजपा को चेतावनी भी दी है कि उसे 2019 में अगर 2014 की सफलता को दोहराना है तो काफी परिश्रम करना पड़ेगा।
उत्तराखण्ड की सात नगर निगम सीटों समेत 84 शहरी निकायों 39 नगर पालिका परिषदों और 38 नगर पंचायतों के लिए 18 नवम्बर को मतदान हुआ था। भाजपा ने 2017 में विधानसभा की 70 सीटों में से 57 पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस सिर्फ 11 सीटों पर सिमट गयी थी। इसलिए निकाय चुनाव दोनों दलों के लिए महत्वपूर्ण थे। भाजपा को अपनी लोकप्रियता की मौजूदगी साबित करनी थी और कांग्रेस को यह दिखाना था कि जनता ने विधानसभा चुनाव में उसे सजा दे दी लेकिन अब मतदाता कांग्रेस के साथ है और 2019 में कांग्रेस को दो-तीन सांसद तो मिल ही जाएंगे। इसी अनुमान के साथ निकाय चुनाव के नतीजे भी आ रहे हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक निकास चुनाव के सभी नतीजे नहीं मिल पाये थे फिर भी यह स्पष्ट संकेत था कि भाजपा ने कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ दिया है। उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा ने मुख्य विपक्षी कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए राजधानी देहरादून के मेयर पद सहित 34 निकायों के अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है वहीं, निर्दलीय प्रत्याशियों ने चौंकाने वाला प्रदर्शन करते हुए 23 निकाय अध्यक्ष पदों पर कब्जा कर दोनों प्रमुख दलों को
स्तब्ध कर दिया है।
राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यालय से मिले परिणामों के अनुसार, प्रदेश के सात नगर निगमों के मेयर पदों में से पांच पर भाजपा ने कब्जा कर लिया, जबकि दो अन्य पर कांग्रेस ने बाजी मारी. देहरादून नगर निगम के मेयर पद पर भाजपा प्रत्याशी और मुख्यमंत्री के बेहद करीबी सुनील उनियाल गामा ने कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल को 35,000 से ज्यादा मतों से पराजित किया। मेयर पद पर जीतने वाले भाजपा के अन्य प्रत्याशी अनीता ममगाई (ऋषिकेश), ऊषा चौधरी (काशीपुर), रामपाल सिंह (रूद्रपुर) और जोगेंद्र रौतेला (हल्द्वानी) रहे. दो नगर निगमों में मेयर कांग्रेस के चुने गये जहां कोटद्वार और हरिद्वार में क्रमशः हेमलता नेगी और अनीता शर्मा ने जीत हासिल की कुल 84 में से अब तक घोषित 83 नगर निकाय अध्यक्ष पदों में से 25 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है। जबकि एक पद पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जीत दर्ज की है।
कांग्रेस का जैसे लोकसभा चुनाव में पूरी तरह सफाया हो गया उस तरह का निकाय चुनाव नहीं रहा है। कांग्रेस को भी मामूली राहत तो मिली ही है। राजधानी देहरादून की मेयर सीट सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जा रही थी उस पर भाजपा का कब्जा हो गया है। भाजपा ने नगर निगम सीटों में से पांच पर अपना परचम लहाराया है। कांग्रेस ने भी दो सीटों पर विजय हासिल कर ली। पार्षद पद पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भाजपा और कांग्रेस दोनों को पछाड़ दिया है।
देहरादून नगर निगम सीट पर भाजपा ने कांग्रेस को पराजित करके अपनी प्रतिष्ठा को बचाया है। यहां पर भाजपा के सुनील उनियाल गामा ने जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के दिनेश अग्रवाल को पराजित किया है। भाजपा ने ऋषिकेश, काशीपुर, हल्द्वानी और रुद्रपुर में अपना मेयर बनवाने में सफलता प्राप्त की है। कांग्रेस को कोटद्वार से राहत भरी खबर मिली है। यहां से कांग्रेस की हेमलता नेगी की जीत हुई। उन्होंने 1568 वोटों से जीत दर्ज की है। यहां पर भाजपा को जनता ने नकार दिया और दूसरे स्थान पर निर्दलीय प्रत्याशी हिमा चौहान रहीं। भाजपा तीसरे स्थान पर चली गयी। भाजपा को यहां पर अपना कामकाज संभालना है। ध्यान देने की बात है कि कोटद्वार सीट से भाजपा के हरक सिंह रावत विधायक हैं और त्रिवेन्द्र रावत ने उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया है। हरक सिंह रावत पहले कांग्रेस में नेता हुआ करते थे। श्री विजय बहुगुणा ने जब अपने कई साथियों को लेकर भाजपा का दामन थामा था तभी हरक सिंह रावत भी भाजपा में चले गये थे।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को भी अपने चुनाव क्षेत्र की जनता की नाराजगी को समझना पड़ेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने चुनाव क्षेत्र डोईवाला में कांग्रेसने भाजपा की जीत का स्वाद कसैला कर दिया है। डोईवाला सीट से ही त्रिवेन्द्र सिंह रावत विधायक हैं। यहां नगर पालिका की सीट पर कांग्रेस की सुमित्रा मनवाला ने भाजपा की प्रत्याशी नगीना रानी को पराजित कर दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस क्षेत्र में नगीना रानी के पक्ष में प्रचार भी किया था। त्रिवेन्द्र सिंह रावत और हरक सिंह रावत के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को भी झटका लगा है। अजय भट्ट रानी खेत के जिस वार्ड में रहते हैं वहां पर भी कांग्रेस प्रत्याशी ने भाजपा के प्रत्याशी को पराजित कर दिया है। वार्डों में हालांकि भाजपा और कांग्रेस ने जिस प्रकार नेतागीरी चलानी चाही थी और अपने चहेतों को पार्षद बनाने का प्रयास किया उसे वहां की जनता ने खारिज कर दिया है। जनता ने उन निर्दलीय प्रत्याशियां को वार्ड का प्रतिनिधि चुना जो निर्दलीय चुनाव लड़े थे और जिनको समाज सेवा करने में रुचि भी है। इस प्रकार निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों को जनता ने सबक भी दिया है। इस सबक को भी यदि दोनों दलों ने नहीं समझा है तो इसका उन्हें 2019 में खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।
भाजपा के लिए नतीजे बेहतर रहे हैं और मुख्यमंत्री को शर्मिन्दगी नहीं उठानी पड़ी। इसलिए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नगर निकाय चुनाव में सभी विजयी प्रत्याशियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्हांने कहा कि नवगठित ऋषिकेश नगर निगम की पहली मेयर चुने जाने पर भाजपा की प्रत्याशी अनीता ममगाई को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारी कामना है कि अनीता ममगाई के नेतृत्व में योग और आध्यात्म की नगरी ऋषिकेश का चहुंमुखी विकास होगा। इसके साथ ही उन्होंने हरिद्वार के विकास के लिए जो जनमत आपको मिला है उसका सदुपयोग करेंगी। वहीं सीएम ने रुदप्रुर नगर निगम की जनता का भाजपा पर विश्वास जताने के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी रामपाल को मेयर चुने जाने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। इसके साथ ही त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भाजपा प्रत्याशी ऊषा चौधरी को काशीपुर नगर निगम का मेयर चुने जाने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वह काशीपुर की जनता का भी भाजपा पर विश्वास जताने के लिए आभार व्यक्त करते हैं। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने कोटद्वार की जनता को भी धन्यवाद अर्पित किया है।