उत्तराखंड में बेमौसम बरसात ने तोड़ दी किसानों की कमर,बारिश के चलते गेहूं की कटाई का काम ठप
देहरादून। उत्तराखंड में अप्रैल महीने में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि की वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि की वजह से किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ जबकि, आम, लीची के बगीचों में फूल टूटकर गिर गए हैं। देहरादून जिले के जौनसार-बावर क्षेत्र में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई।ओलावृष्टि से ने किसानों और बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों और बागवानों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। बार-बार बारिश और ओलावृष्टि किसानों की तैयार हो चुकी मटर, गेहूं, आलू, प्याज के साथ सेब, पूलम, आलू बुखारा, नाशपाती आदि फसलों को बर्बाद कर रही हैं। पछवादून में ओलावृष्टि ने किसानों और बागवानों की फसलों को बर्बाद कर दिया। निनूस, पुरटाड, लोईच, ओवरासैर, चौसाल, बासतील, बृनाड, कांडा, टियूटाड, डिरनाड, कथियान, भटाड, हरटाड, छजाड, भूनाड, ऐठान, डागूठा, पटियूड, भूठ, फनार, सारनी, डांडी, नायली, किसतूड, केराड, निमगा, शिलावडा, चिल्हाड़, बाणाधार, डिमीच, कांडोईभरम, मशक, बिनसोन, सताड, हरटाड, मुंधौल, प्यूनल, डेरसा, रडू, कुलाह, भाटगढ़ी, झिटाड, बानपूर आदि गांवों में ओलावृष्टि ने फसलों को बर्बाद किया तो, रविवार सुबह भी देवधार, शिलगांव, लखऊ, बाणाधार, कइलौ, मैशोऊ, भरम, धुनोऊ खत के गांवों में जमकर ओले गिरे।मौसम की मार ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। बारिश के चलते गेहूं की कटाई का काम भी ठप हो गया है। किसान आसमान में टकटकी लगाए, धूप खिलने की दुआएं मांग रहे हैं। गत सप्ताह हुई बारिश के बाद किसानों ने गेहूं की कटाई का कार्य तेज कर दिया था। क्षेत्र में तकरीबन 80 फीसदी फसल की कटाई भी हो चुकी है। लेकिन, इस बार मौसम किसानों पर लगातार मार कर रहा है। रविवार सुबह भी झमाझम बारिश ने किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच दी। एटनबाग गांव निवासी किसान संतवीर बारिश रूकने के बाद खेत पर पहुंचा, तो बर्बाद फसल को देखकर उसकी आंखें भर आई।