हादसों में पुलिस के लिए मददगार बनेंगे अंडर वाटर ड्रोन
देहरादून : अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल की दिशा में उत्तराखंड पुलिस ने एक कदम और बढ़ाया है। सेना के बाद देश में उत्तराखंड पुलिस भी अब अंडर वाटर ड्रोन उपकरण से लैस होगी। विदेशी तकनीक का यह उपकरण नदी, नाले, झील और तालाब में होने वाली दुर्घटना में मदद करेगा। अति आधुनिक कैमरों से लैस यह ड्रोन गहराई में उंगली के टुकड़े को भी पहचान कर उसकी तस्वीरें भेज सकता है। इसके लिए पुलिस को नौ लाख का बजट मिल गया है।
गंगा, यमुना, अलकनंदा समेत तमाम बड़ी नदियों, नालों, झीलों और गहरे पानी में होने वाली दुर्घटना में रेस्क्यू को आने वाली दिक्कतों से निपटने में अंडर वाटर ड्रोन महत्वपूर्ण साबित होगा। गहरे पानी में 180 डिग्री तक घूमकर यह समुद्र में उंगलीभर के टुकड़ों को भी कैद करने की क्षमता रखता है।
गंदले पानी और अंधेरे में भी वाटर ड्रोन नाइट विजन कैमरों, लेजर लाइटें और टाइडल एनर्जी बैटरी से भी काम कर सकेगा। आइजी संजय गुंज्याल ने दावा किया कि भारत में सेना के अलावा किसी भी राज्य की पुलिस के पास यह उपकरण नहीं है। पूरी तरह से एल्यूमीनियम और मजबूत फाइबर से बना यह ड्रोन समुद्र में टकराने के बाद भी सुरक्षित वापस आ सकेगा। अगले साल तक यह राज्य पुलिस में शामिल हो जाएगा।
क्या है अंडर वाटर ड्रोन
विदेशों में एयूवी यानि ऑटोमेटिक अंडर वाटर व्हीकल के नाम से प्रसिद्ध वाटर ड्रोन पंख और मोटर से पानी में चलता है। समुद्र की पांच मीटर से ज्यादा गहराई तक ड्रोन फोटो और वीडियो रिकार्ड करता है। कंप्यूटर से जोड़कर ड्रोन की समुद्र के अंदर की गतिविधि लाइव देखी जा सकती है। इसमें जीपीएस सिस्टम भी लगा होता है।
ट्रेनिंग और रखरखाव करेगी कंपनी
पुलिस के प्रस्ताव में यह साफ है कि जो कंपनी ड्रोन आपूर्ति करेगी, वह पुलिस कर्मियों को संचालन की ट्रेनिंग भी देगी। साथ ही रखरखाव भी वही कंपनी करेगी। हर जिलों के पुलिस कर्मियों को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा।
साइड स्कैन सोनार सिस्टम भी
ड्रोन की मदद से गहरे पानी में शव या अन्य सामग्री चिह्नित होने के बाद रिकवरी के लिए साइड स्कैन सोनार सिस्टम से ऑपरेट किया जाएगा। करीब 38 लाख रुपये के उपकरणों से समुद्र के गहरे पानी में रेस्क्यू किया जाएगा। इस उपकरण से प्रशिक्षित पुलिस कर्मी गहरे पानी में उतरकर ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ रेस्क्यू कार्य करेंगे।
यहां मिलेगा फायदा
हरिद्वार, ऋषिकेश, विकासनगर, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ, श्रीनगर, देवप्रयाग, टिहरी झील, नैनीताल झील, बागेश्वर आदि नदी व झीलों वाले इलाकों में इसका विशेष लाभ मिलेगा।
राज्य पुलिस होगी मजबूत
उत्तराखंड के डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी के मुताबिक पुलिस को अति आधुनिक बनाने के लिए इस बार ड्रोन, कैमरे जैसे महत्वपूर्ण उपकरण खरीदे जाने की सहमति बनी है। इन उपकरणों से राज्य पुलिस मजबूत होगी। आपदा और अपराध नियंत्रण में इनका उपयोग किया जाएगा।