विधायकों की वेतन कटौती पर अध्यादेश ला सकते हैं त्रिवेन्द्र
देहरादून । उत्तराखंड में विधायकों की वेतन कटौती को लेकर प्रदेश सरकार अब अध्यादेश लाने की तैयारी में है। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने बुधवार को अध्यादेश से वेतन कटौती विवाद का इलाज करने के संकेत दिए। विधायकों की वेतन कटौती में एकरूपता न होने की वजह से विवाद है। कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि कोविड फंड के नाम पर भाजपा सरकार ने वेतन कटौती का निर्णय लिया, लेकिन उसके विधायकों ने कैबिनेट के फैसले के अनुरूप वेतन कटौती नहीं कराई। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण खराब वित्तीय स्थिति के चलते प्रदेश सरकार ने विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती का फैसला किया था। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय के बाद इसका शासनादेश जारी हो गया। हालांकि शुरुआत में वेतन कटौती को लेकर यूपी की तर्ज पर अध्यादेश लाने की बातें हुईं। लेकिन सरकार ने अध्यादेश लाने से परहेज किया। कैबिनेट के फैसले के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को पत्र लिखकर वेतन कटौती पर अपनी सहमति देने को कहा। विधायकों की जैसी और जिस प्रकार की सहमति प्राप्त हुई, विधानसभा सचिवालय ने उसी तरह की कटौती की। इसका नतीजा यह हुआ कि विधायकों के वेतन से चार तरह की कटौतियां हो रही हैं। कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने आरटीआई से यह तथ्य का खुलासा किया। जिस पर कांग्रेस ने भाजपा विधायकों पर तंज किया। अब यह विवाद काफी तूल पकड़ चुका है। सत्ता पक्ष के विधायक भी इस खुलासे से असहज हैं।