ईको टूरिज्म को बढ़ाएंगे त्रिवेन्द्र

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने राज्य के विकास की जो रणनीति तय की है, उसके तहत केन्द्रीय योजनाओं में निर्धन वर्ग के लोगों के हित को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाएगा। इसी क्रम में राज्य में ईको टूरिज्म को बढ़ाया जाना है और इसके लिए मुख्यमंत्री ने पलायन आयोग का भी गठन किया था। इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। पलायन आयोग ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को टूरिज्म के नये क्षेत्र विकसित करने की भी सलाह दी है। गत 25 सितम्बर को देश भर में भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनायी। उत्तराखण्ड में भी इस प्रकार का कार्यक्रम हुआ था। मुख्यमंत्री श्री रावत ने दीनदयाल उपाध्याय जी के व्यक्तित्व और कृतित्व परप चर्चा की थी और कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वयं निर्धन परिवार में जन्में प्रतिभावान व्यक्तित्व थे। उनका मानना था कि समाज के संसाधनों पर पहला हक निर्धन का होना चाहिए। इसलिए राज्य में संसाधन बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिए ईको टूरिज्म पर ध्यान देना होगा।
उत्तराखण्ड में पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एस.एस. नेगी ने ईको टूरिज्म पर आधारित रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंप दी है। पलायन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकार को टूरिज्म के नये क्षेत्रों को विकसित करने की भी सलाह दी है। यह बात तो किसी से छिपी नहीं है कि उत्तराखण्ड पहाड़ी राज्य होने के कारण और तीर्थ स्थलों के चलते श्रद्धालुओं और पर्यटकों का केन्द्र रहा है। इसके चलते पर्यटन आम जनता के लिए रोजी और रोटी का बड़ा साधन भी है। पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 2017 में तीन लाख 74 हजार पांच सौ 75 भारतीय पर्यटक ही उत्तराखण्ड में घूमने आये थे। इसके साथ ही 11685 विदेशी पर्यटक भी उत्तराखण्ड पहुंचे। इस प्रकार राज्य को पर्यटन से विदेशी मुद्रा भी मिली है। उत्तराखण्ड की वादियां पर्यटकों को आकर्षित करती हैं, इसमें अब कोई दो राय नहीं है। राज्य में कुल तीन लाख 86 हजार दो सौ 60 भारतीय विदेशी पर्यटक एक साल में आये और राज्य को 1168.07 लाख का राजस्व दिया है, इस रिपोर्ट में एक बात यह भी खास रही है कि लगभग 4 लाख पर्यटकों में से आधे से ज्यादा अर्थात् 2.5 लाख पर्यटक केवल कार्बेट पार्क ही घूमने आये। पलायन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को मौजूदा डेस्टिनेशन पर भी काम करने की सलाह दी है और इसके साथ ही नये क्षेत्र विकसित करने की बात भी कही है। बताते हैं कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को पलायन आयोग की सिफारिशें अच्छी लगी हैं और उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पलायन आयोग ने ईको टूरिज्म से जुड़ी बेहतर जानकारी दी है और इस पर अमल भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत को लगता है कि राज्य के निर्धनों को सशक्त बनाने में ईको टूरिज्म की मदद ली जा सकती है। केन्द्र सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं को राज्य में लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा था कि आयुष्मान भारत योजना, प्रत्येक निर्धन को 2022 तक आवास, किसानों की आमदनी दोगुनी करने, उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क गैस कनेक्शन जैसी योजनाएं गरीबों के लाभ के लिए ही बनायी गयी हैं। उत्तराखण्ड में 22.5 लाख परिवारों को आयुष्मान योजना का लाभ मिला है। उत्तराखण्ड सभी परिवारों को आयुष्मान योजना का लाभ देने वाला देश का पहला राज्य बना है। स्वास्थ्य के साथ रोजगार भी देने के लिए पलायन आयोग की सिफारिशों पर शीघ्र अमल होगा।

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