रिकार्ड बनाने की राह पर त्रिवेंद्र

देहरादून । इन दिनों आइपीएल में रोजाना दिलचस्प रिकार्ड बन रहे हैं, लेकिन यूपीएल में भी एक बड़ा रिकार्ड बनने जा रहा है। नहीं नहीं, यहां बात किसी स्पोट्र्स लीग की नहीं, सियासत की हो रही है। यूपीएल, यानी उत्तराखंड पॉलीटिकल लीग। बस, 20 दिनों बाद अपना उत्तराखंड 20 साल का होने जा रहा है। अब तक पांच सरकारें यहां रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नौ बन चुके हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नौवें हैं। अचरज की बात है न कि इतने कम समय में इतने ज्यादा मुख्यमंत्री। इनमें से केवल एक, एनडी तिवारी ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया, बाकी बीच में ही कुर्सी से रुखसत हो गए। त्रिवेंद्र तीन साल और सात महीने का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, बैटिंग अभी भी जारी है। मतलब, सबसे लंबे कार्यकाल के लिहाज से दूसरे मुख्यमंत्री। बाकी 17 महीने के कार्यकाल को लेकर कोई सवाल नहीं और रिकार्ड की बराबरी भी तय।हाल ही में कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला किया। शराब की तस्करी पर अंकुश के लिए अब शराब लाने-ले जाने पर सरकार की ऑनलाइन नजर रहेगी। शराब सप्लाई करने वाले वाहनों की जीपीएस से ट्रेकिंग की जाएगी। गाड़ी कहीं रुकी, तो तुरंत कंट्रोल रूम को जानकारी हो जाएगी कि फलां जगह गड़बड़ हो सकती है। वाइन शॉप्स पर वैध शराब बिक रही है, इसकी तस्दीक बोतलों पर लगने वाले नए होलोग्राम करेंगे। सीसीटीवी कैमरों के जरिये निगरानी होगी। अब जिन्हें दारू से कमीशन मिलता है, उन्हें फिक्र सता रही है कि ऑनलाइन सिस्टम के फेर में कहीं उनकी वाट न लग जाए। डर लग रहा है कि पता नहीं सरकार ने कहां-कहां कैमरे फिट कराने की तैयारी की है। सरकार के लिए आबकारी, राजस्व का बहुत बड़ा जरिया है। लिहाजा उसकी चिंता वाजिब कही जा सकती है, लेकिन इससे नंबर दो की कमाई वालों की नींद जरूर उड़ गई है।

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