पर्यावरण संतुलन के लिए पौधारोपण जरूरीः वृक्षमित्र डा. सोनी
देहरादून, । धरा में निहित पेड़ पौधों के संरक्षण के साथ ही पौधारोपण कर वन महोत्सव मनाते हुए मजगांव, कटुकीचैल, मरोड़ा व मठियाणगांव में विभिन्न प्रजाति के तेजपाल, आंवला, कचनार, बांज, बॉस के 250 से अधिक पौधों का रोपण किया गया ताकि पर्यावरणीय संतुलन बन सके, यह कार्य वन प्रभाग नरेंद्र नगर के सकलाना रेंज चंबा टिहरी गढ़वाल के वन कर्मचारियों द्वारा किया। गया।
पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा वातावरण बदलने के साथ ही पर्यावरणीय असुंतलन हो रहा है जिसका सीधा असर मानव व प्राणी जीवन पर पड़ रहा। पहाड़ो में जंगलों में आगजनी घटनाएं वायुमंडल को प्रदूषित बना रहे हैं वही बारिश का पानी तेज बहाव से मट्टी का कटान कर बाढ़ व बादल फटने की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं जिससे जनधन की हानि हो रही है समय रहते इसे रोकना होगा अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे उन्हों ने कहा स्वछ आवो हवा के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण जरूरी हैं। रामस्वरूप बिजल्वाण वन दरोगा ने कहा वन विभाग का उद्देश्य अधिक से अधिक पौधारोपण कर जहां हरियाली लानी हैं वही पर्यावरण का संतुलन भी बनाना है। वन दरोगा प्यार चंद रमोला ने वनों से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की कई आवश्यकताओ की पूर्ति होती हैं जिसके लिए वन विभाग द्वारा अधिक से अधिक फलदार, चारापत्ती के पौधों का रोपण किया जाता हैं। कार्यक्रम में वनबीट अधिकारी गोठ विजय कुमार, वनबीट अधिक मंजगाव हीरासिंह पंवार, वन चैकीदार राजेंद्र सिंह, वन चैकीदार बीर चंद कुमाई, वन चैकीदार बिरवन्त सिंह, आकाश रमोला, जग्गी दास, गंभीर सिंह, गोविंद सिंह, केन्द्रसिंह, जुप्पल सिंह, सरिता देवी, बीना देवी, नीलम देवी, क्वारा देवी, विजयपाल सिंह, प्रमोद सिंह, कप्तान सिंह, धनपाल सिंह, विक्रम सिंह, प्यारचंद रमोला, आर.एस.बिजल्वाण, मीना देवी, पूनम, रीता आदि थे वन विभाग के कर्मचारियों को पौधारोपण में इंटिलियो वैलफेयर फाउंडेशन उत्तराखंड ने भी सहयोग किया।