परिवहन निगम ने भ्रष्टाचार में लिप्त 15 निरीक्षक हटाए
देहरादून : उत्तराखंड परिवहन निगम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए 15 सहायक यातायात निरीक्षकों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। ये कार्मिक सीनियर लिपिक पद पर पदोन्नति के बाद भी सहायक यातायात निरीक्षक के पद पर बने थे, जबकि इन पर अब तक के सेवाकाल में कई बार दंड व निलंबन की कार्रवाई भी की जा चुकी थी।
सहायक यातायात निरीक्षकों को हटाने के प्रबंधक निदेशक बीके संत के आदेश में कहा गया है कि इन कार्मिकों की पदोन्नति जब भी सीनियर लिपिक पद पर की गई तो उन्होंने पदोन्नति लेने से इन्कार कर दिया। कोई न कोई बहाना बनाकर ये निरीक्षक पद पर बने रहते थे।
प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए प्रबंध निदेशक ने तीनों मंडलीय प्रबंधक (संचालन) से इनकी सेवा के रिकॉर्ड मंगाए थे और परीक्षण पर पता चला कि इनका ट्रैक रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। ये भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त पाए गए और इस कारण इन पर दंड लगाने व निलंबन की कार्रवाई की गई।
हटाए गए 15 निरीक्षकों की सूची में ऐसे नाम भी शामिल हैं, जो 10-11 बार दंड के भागी बन चुके हैं और चार-पांच बार तक निलंबन भी झेल चुके हैं। मामले की गंभीरता देखते हुए प्रबंधक निदेशक संत ने सिर्फ इन सभी को सहायक यातायात निरीक्षक पद से हटा दिया, बल्कि यह आदेश भी दिया कि सूची से इतर भी खराब ट्रैक रिकॉर्ड वाले सहायक यातायात निरीक्षकों को भी तत्काल हटा दिया जाए।
परिवहन निगम की बसों में प्रवर्तन कार्य और चेकिंग में पारदर्शिता लाने के लिए यह निर्देश भी जारी किए गए कि भविष्य में यदि कोई सहायक यातायात निरीक्षक सीनियर लिपिक पद पर पदोन्नति लेने से इन्कार करता है तो उसे भी प्रवर्तन कार्य से हटा दिया जाए।
यह निर्देश भी जारी
-सेवाकाल में दो या दो से अधिक बार निलंबन व पांच या पांच से अधिक बार दंडित होने वाले सहायक यातायात निरीक्षक से भी बुकिंग लिपिक का कार्य लिया जाएगा।
-भविष्य में सहायक यातायात निरीक्षक पद पर प्रोन्नति या पद परिवर्तन की कार्रवाई करने से पहले ट्रैक रिकॉर्ड देखने व प्रकरण को निगम मुख्यालय भेजा जाएगा।
-खराब ट्रैक रिकॉर्ड वाले सहायक निरीक्षक यदि सीनियर लिपिक पद पर पदोन्नति की योग्यता नहीं रखते हैं, तब भी उनसे बुकिंग लिपिक का काम लिया जाएगा।