व्यापारियों ने चीन से 10 साल पुराना करार तोड़ा
नई दिल्ली। गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय जवानों के प्रति श्रद्धांजलि देते हुए भारतीय कारोबारी चाइना से व्यापार समाप्त कर रहे हैं। अलीगढ़ की कोड़िया लॉक-हार्डवेयर फर्म ने चाइना से 10 साल पुराना करार तोड़ते हुए अब भारतीय उत्पाद बनाने का फैसला लिया है। इससे पहले भी शहर के कारोबारियों ने चाइना से व्यापार समाप्त किया है।कारोबारी प्रदीप गर्ग व विनीत अग्रवाल ने 1991 में मोती मिल कंपाउंड में कोड़िया लॉक एंड हार्डवेयर फर्म की शुरुआत की थी। जिसके बाद उन्होंने चाइना से भी कई उत्पाद मंगाते हुए कारोबार को आगे बढ़ाया। करीब 10 साल पहले चाइना की एक फर्म से उनका हार्डवेयर उत्पादों को लेकर करार हुआ था। जिसके तहत वह ट्यूबलर लॉक, टेलिस्कोपी चैनल और ऑटो हिंजिस का माल मंगाते आए हैं। सालाना करीब पांच करोड़ से ज्यादा का कारोबार चाइना से होता रहा है। अब चाइना की हरकत को लेकर देशभर में गुस्से के माहौल है। ऐसे में फर्म ने चाइना से अपने व्यापारिक करार समाप्त कर दिया है। बीते दिनों चाइना से ऑर्डर के लिए आए ऑफर को भी ठुकरा दिया।कारोबारी प्रदीप गर्ग ने बताया कि लॉक-हार्डवेयर के बाद ऑटो इंडस्ट्रीज में कदम रखा है। हार्डवेयर कारोबार को भी दूसरी पीढ़ी के रूप में सजल गर्ग व अजित अग्रवाल संभाल रहे हैं। वहीं ऑटो इंडस्ट्रीज का व्यापार अयूर गर्ग देखते हैं। कारोबारी प्रदीप ने बताया कि उनका परिवार मूलरूप से कौड़ियागंज का है। जहां 1948 में यूपी का पहला मिनी शुगर प्लांट (खंडसारी यूनिट) प्रकाश शुगर उद्योग के नाम से पिता रामनिवेश गर्ग व ताऊ रामप्रकाश गर्ग ने लगाई थी।