अपनी जमीन पर कब्जे के लिए 26 साल लगे
देहरादून । राजस्व विभाग के कार्मिक सही ढंग से काम करें तो इंचभर भूमि भी अवैध तरीके से कब्जे में नहीं ली जा सकती। यह अलग बात है कि हकीकत में ऐसा हो नहीं पाता। इसीलिए देहरादून में जमीनों के विवाद दिनों-दिन न सिर्फ बढ़ते जा रहे हैं, बल्कि वर्षों बीतने के बाद भी उनका निस्तारण नहीं हो पा रहा। ऐसे ही एक मामले में एनआरआइ (गैर अनिवासी भारतीय) व्यक्ति को अपनी जमीन पर कब्जा पाने के लिए 26 साल तक एड़ियां रगड़नी पड़ीं। वह तो शुक्र है कि अब तक के जिलाधिकारियों से इतर वर्तमान जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने प्रकरण को गंभीरता से लिया और अपने ही विभाग की गलतियों को दूर करने की जहमत उठाई। एनआरआइ गौरव कुमार ने वर्ष 1984 में ग्राम किशनपुर में 0.0820 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी। फसली वर्ष 1400 में जब भूमि का बंदोबस्त (सेटेलमेंट) किया गया तो पुराना खसरा नंबर 239, नया खसरा नंबर 142ख बन गया। इसके साथ ही बंदोबस्त विभाग के अधिकारियों ने इस भूमि को बंजर में दर्ज कर दिया। इस त्रुटि से इसी खसरा नंबर (नया नंबर 139क) में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज की भूमि को गौरव कुमार की भूमि बताया जाने लगा। कॉलेज की भूमि पर नगर निगम का स्वामित्व है, लिहाजा निगम ने आपत्ति दाखिल कर दी।