राजस्थान की राजनीति में जल्दी नहीं थमेगी हलचल, वसुंधरा राजे का दिखेगा असर
नई दिल्ली , । सचिन पायलट के भविष्य को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी ओर से फैसला सुनाने के बाद खामोशी की चादर ओढ़ ली है। कुछ महीनों पहले ही कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया इस समय परदे के पीछे से पायलट की सहायता भी कर रहे हैं। सिंधिया को मित्र का आत्मसम्मान बचाना जरूरी लग रहा है। वहीं, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक बार फिर राज्य की राजनीति में वापस आ रही हैं।वसुंधरा के करीबी गुलाब चंद कटारिया ने काफी समय से सूबे में कमान संभाल रखी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया भी सक्रिय हैं। राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम माथुर और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भाजपा में आने वाले नेताओं का स्वागत किया है। हालांकि, पार्टी के ही एक और नेता भूपेंद्र यादव अभी खामोश हैं। आज होने वाली भाजपा विधायकों की बैठक में कुछ अहम निर्णय हो सकते हैं। इसमें वसुंधरा भी शमिल होंगी। भाजपा की इस बैठक पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी निगाह है। माना जा रहा है कि भाजपा विधानसभा में अशोक गहलोत से बहुमत साबित करने की मांग कर सकती है। दरअसल सचिन पायलट ने रविवार को कहा था कि गहलोत के पास बहुमत का संख्याबल नहीं है।