सीने में दर्द के हो सकते हैं कई कारण, इन पर ध्यान देना जरूरी
ठंड के मौसम में अक्सर लोगों को सीने में दर्द की शिकायत होती है। यकीनन सीने में दर्द को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। आमतौर पर लोग इसे हार्ट अटैक से जोड़कर देखते हैं, लेकिन सीने में दर्द के अन्य भी कई कारण होते हैं। सीने में दर्द की समस्या सिर्फ आपके हृदय से ही नहीं जुड़ी होती, बल्कि यह फेफड़े, मसल्स, रिब्स या नर्व्स से भी जुड़ी हो सकती है। इनमें से कुछ स्थितियां बेहद खतरनाक और आपके जीवन के लिए खतरा भी हो सकती हैं। अगर आप गर्दन से लेकर ऊपरी पेट तक कहीं भी सीने में दर्द महसूस करते हैं तो इसके कई कारण हो सकते हैं−
मांसपेशियों में तनाव
अगर आपको पसलियों के आसपास की मांसपेशियों में किसी कारणवश सूजन होती है, तो यह सीने में दर्द की वजह बन सकता है। अगर यह दर्द धीरे−धीरे बदतर होता जाता है तो यह मांसपेशियों में खिंचाव का लक्षण हो सकता है।
पसलियों में चोट
अगर आपको पसलियों में चोट लगती है, जैसे उसका टूटना या फ्रैक्चर होना। तो इससे छाती में दर्द हो सकता है। अगर किसी कारणवश पसली टूट जाती है तो इससे आपको अत्यधिक दर्द का अहसास होता है।
पेप्टिक अल्सर
पेप्टिक अल्सर जो वास्तव में पेट की परत में घाव होते हैं, वह तीव्र दर्द का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन इसके कारण आपको छाती में असहजता महसूस होती है। पेप्टिक अल्सर से आराम पाने के लिए एंटासिड का सेवन कर सकते हैं।
गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज यानी जीईआरडी
जब व्यक्ति के पेट का खाना वापिस गले में चला जाता है, तो इसे गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स कहा जाता है। इसके कारण व्यक्ति को छाती में जलन और मुंह में खट्टा स्वाद होता है।
अस्थमा
अस्थमा एक श्वास विकार है जिसके कारण व्यक्ति के वायुमार्ग में सूजन होती है। इसकी वजह से व्यक्ति के सीने में दर्द होता है। छाती में दर्द के अलावा अस्थमा की शिकायत होने पर व्यक्ति को सांस की तकलीफ, खांसी व घघराहट आदि होते हैं।
हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी
हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी तब होती है जब आनुवांशिक कारकों के कारण दिल बहुत मोटा हो जाता है। हृदय के मोटा होने से रक्त को हृदय से ठीक से बहने से रोकता है, जिससे मांसपेशियों को रक्त पंप करने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में व्यक्ति को सीने में दर्द होता है। हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी होने पर व्यक्ति को सीने में दर्द के अलावा, सांस की तकलीफ, चक्कर आना व बेहोशी आदि भी होता है।