सीएम तीरथ की टीम में कई मंत्रियों का काम अब्बल
देहरादून। सीएम तीरथ सिंह रावत की टीम में पुरानों के मुकाबले नए मंत्रियों का प्रदर्शन बेहतर रहा है। एक महीने के पहले कार्यकाल में खासकर, शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी बाकियों से आगे दिखे। पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार से तीरथ सरकार में रिपीट मंत्रियों में श्रम मंत्री हरक सिंह रावत और राज्यमंत्री रेखा आर्य नए फैसले और योजनाएं लाने में कामयाब रहे हैं। 16 मार्च को सीएम ने मंत्रियों के बीच कामकाज बांटा था। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने मंत्रियों के एक महीने के कामकाज की पड़ताल की है।मंत्री बनने के कुछ घंटों के बाद ही हुई पहली कैबिनेट में बंशीधर भगत ने 2016 के बाद जिला विकास प्राधिकरणों में शामिल क्षेत्रों में नक्शे पास करने पर रोक लगवा दी थी। मौजूदा प्राधिकरणों में भी शुल्क की दरें कम करने की घोषणा की। 2018 के बाद शहरी निकायों में शामिल ग्रामीण क्षेत्रों को पूरी तरह हाउस टैक्स से मुक्त करने के निर्देश विभाग को दिए। शहरी इलाकों में जल जीवन मिशन के तहत सभी परिवारों को पानी के कनेक्शन सौ रुपये में देने की भी घोषणा की। खाद्य विभाग में गेहूं खरीद पर किसानों को 20 रुपये कुंतल बोनस दिलाने का फैसला किया है। सहकारिता विभाग में एक लाख कुंतल से अधिक धान खरीद का विवाद सुलझाने के लिए सरकार को सहमत किया। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मंत्री बनते ही 24 घंटे में उपनल कर्मचारियों को पांच दिन लगातार गैरहाजिर रहने पर नौकरी से हटाने का आदेश निरस्त किया। इसके बाद उपनल कर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन कराने में सफल रहे। उद्योगों के लिए लेआउट एवं मानचित्र को पास कराने के मामले को भी सुलझाया है। संक्रमण के कारण आइसोलेशन में रहते हुए भी जोशी सक्रिय हैं। पुराने मंत्रियों में हरक सिंह रावत ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट कोटद्वार मेडिकल कॉलेज को कैबिनेट से मंजूर करवाया। एक करोड़ की टोकन मनी भी जारी हो चुकी है। कर्मकार बोर्ड से हटाए कार्मिकों को बहाल किया जा रहा है। लालढांग-चिल्लरखाल सड़क की मंजूरी के साथ वन प्रहरियों का मानदेय छह हजार से आठ हजार रुपये मासिक कराना भी हरक की उपलब्धि रही। राज्य मंत्री रेखा आर्य, सीएम महालक्ष्मी योजना को कैबिनेट से मंजूर कराने में कामयाब रहीं। 2020 के बजट में घोषणा के बाद भी पिछले साल यह योजना कैबिनेट मंजूरी तक नहीं पहुंच पाई थी। अब नई सरकार में इस योजना का न सिर्फ नाम बदला गया, बल्कि इसे कैबिनेट ने भी हरी झंडी दिखाई। रेखा को डेयरी के रूप में नया विभाग भी मिला है।