परिवहन विभाग के ढांचे को तर्कसंगत बनाते हुए उसका सरलीकरण किया जायेः मंत्री
देहरादून, । कैबिनेट मंत्री चन्दन राम दास की अध्यक्षता में मंगलवार को परिवहन आयुक्त कार्यालय, देहरादून में विभागीय समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में परिवहन मंत्री द्वारा राजस्व, सड़क सुरक्षा, डिजीटाईजेशन, निर्माण कार्यों एवं प्रवर्तन कार्यों की समीक्षा की गई। वर्तमान में विभाग द्वारा वाहन स्वामियों से भिन्न-भिन्न नामों से (ग्रीन उपकर, प्रवेश उपकर आदि) करो की वसूली की जा रही है। इससे वाहन स्वामियों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। अतः विभाग द्वारा कर ढांचे को तर्कसंगत बनाते हुए उसका सरलीकरण किया जाये। परिवहन मंत्री द्वारा अधिकारियों से अपेक्षा की गयी कि विभाग का उद्देश्य केवल करों की वसूली ही नहीं होना चाहिए अपितु ऐसे प्रयास करने चाहिए कि जनता को परिवहन विभाग की पारदर्शी और त्वरित सेवा सुगमता से प्राप्त हो सके।मार्ग पर भ्रमण के दौरान देखा गया है कि विभाग द्वारा यात्रा मार्गों पर जो चेकपोस्टें स्थापित की गयी है, यहां नेटवर्क कनेक्टिविटी न होने के कारण वाहनों के प्रपत्रों की ऑनलाईन जांच नहीं हो पा रही है, जिससे वाहन स्थानियों को अनावश्यक विलम्ब हो रहा है और चेकपोस्ट पर लाईन भी लग रही है। मा० मंत्री जी द्वारा निर्देश दिये गये कि चैकपोस्टों को ऐसे स्थान पर स्थापित किया जाये जहां कनेक्टिविटी उपलब्ध हो और वाहन स्वामियों को कम से कम परेशानी हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि विभाग द्वारा अधिकतर कार्य ऑनलाईन कर दिये गये हैं परन्तु कार्यों का ऑटोमेशन करते समय यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि उक्त व्यवस्था का लाभ अपेक्षाकृत कम पढ़े-लिखे चालक-परिचालक को मिले और उसे अनाधिकृत व्यक्तियों के पास न जाना पड़े। बकाया राजस्व के मामलों की समीक्षा करते हुए मंत्री जी द्वारा निर्देश दिये गये कि विभाग द्वारा लम्बे समय तक वाहन स्वामियों को मांग पत्रध्वसूली पत्र निर्गत नहीं किये जाते हैं, जिसके कारण वाहन स्वामी के प्रति देय धनराशि बढ़ती रहती है और जब विभाग द्वारा वाहन स्वामियों को बकाया जमा करने का नोटिस दिया जाता है, तब वाहन स्वामी बकाया जमा करने में सक्षम नहीं हो पाता है। अतः मंत्री जी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे वाहन के बकाया में आने के एक वर्ष के अन्तर्गत नोटिस जारी करते हुए वसूली की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिये गये कि लम्बी अवधि से बकाया के मामलों के निस्तारण के सम्बन्ध में एक कार्ययोजना विकसित की जाये।