डामरीकरण की बाट जो रही है शहीद के नाम से बनी सड़क

उत्तरकाशी। मोरी विकासखंड के बंगाण क्षेत्र के गमरी आराकोट के कारगिल शहीद दिनेश रावत के सम्मान में बनी गमरी, भुटाणु, मैजणी और किरोली मोटर मार्ग को बने दस वर्ष होने के बाद भी डामरीकरण न होने से सड़क बेहाल है। ग्रामीणों ने विभागों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए एसडीएम पुरोला मनीष कुमार के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।वर्ष 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूड़ी के कार्यकाल में 20 किमी शहीद दिनेश रावत मोटर मार्ग के लिए पांच करोड़ की वित्तीय स्वीकृति की गई थी। मोटर मार्ग निर्माण लोक निर्माण विभाग पुरोला को सौंपी गयी। जिस पर विभाग ने 2007 में प्रथम चरण की निविदाएं लगवाई तथा 2012-13 मोटर मार्ग के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण किया। लेकिन तब से आज तक यह मोटर मार्ग जस के तस पड़ा है। इसके डामरीकरण न होने से सड़क आरटीओ से पास भी नहीं हो पायी। जिस कारण सेब, नासपाती, आड़ू, पूलम की बागवानी के साथ-साथ मटर, आलू आदि फसलों के लिए क्षेत्र के ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र के बागवान और समाजसेवी मनमोहन चैहान, रघुवीर सिंह, कुंदन सिंह, कल्याण सिंह, प्रेम सिंह आदि ने बताया कि लोक निर्माण विभाग पुरोला ने तीन बार मोटर मार्ग डामरीकरण की डीपीआर शासन को भेज दी है लेकिन शासन ने तीनों बार इसे निरस्त कर दिया। वर्ष 2018 में तत्कालीन क्षेत्र पंचायत सदस्य भुटाणु केवला चैहान ने डामरीकरण के लिए सड़क को पीएमजीएसवाई को कार्यदायी संस्था बनाने की मांग की, लेकिन मोटर मार्ग में अभी तक कुछ काम नहीं किया गया। वर्तमान में मोटर मार्ग जर्जर स्थिति में है। उन्होंने मोटर मार्ग के डामरीकरण करने व आरटीओ से पास करने के लिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में केवला चैहान, रघुवीर सिह पंवार, रेखा पंवार, कुन्दन सिह चैहान, सते सिंह, कल्याण सिंह रावत, अमर सिह रावत, प्रेम सिह रावत,वरुण रावत आदि के हस्ताक्षर हैं।क्या कहते अधिकारी शहीद दिनेश रावत मोटर मार्ग का सर्वे कर शासन से पत्राचार जारी है। भारत सरकार से स्वीकृति आने पर ही डीपीआर तैयार कर निर्माण कार्य की कार्रवाई की जायेगी।

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