जिस पद पर मैं बैठी हूं वह बहुत ही गरिमा का पदः स्पीकर ऋतु खंडूड़ी
गैरसैंण, । विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि हर व्यक्ति का काम करने का अपना तरीका होता है। जिस पद पर मैं हूं वह बहुत ही गरिमा का पद है। स्पीकर का कोई ऐसा पद नहीं कि मजाक करें। बृहस्पतिवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में चल रहे बजट सत्र के चैथे दिन सदन में जाने से पहले स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि मैं सख्त और अनुशासित हूं, तो मैं ऐसी ही हूं।मेरा मानना है कि जिस पद पर मैं बैठी हूं, वह बहुत ही गरिमा का पद है। कोई ऐसा पद नहीं है कि मजाक किया जाए। मुझे लगता है कि सदन में मुस्कराहट और नोकझोंक होती है, लेकिन जब कायदे कानून की बात आती है तो उसका पालन होना चाहिए। कांग्रेस विधायक आदेश चैहान ने विशेषाधिकार हनन मामले में अफसरों पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उनके इस आरोप का संज्ञान लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने जांच का आदेश दे दिया। उन्होंने कहा कि यदि सदन को गुमराह करने का मामला पाया गया तो इसमें कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि आदेश चैहान के विशेषाधिकार हनन मामले में सदन में काफी हंगामा हुआ था और कांग्रेस के 15 विधायक एक दिन के लिए निलंबित कर दिए गए थे। काफी मशक्कत के बाद गतिरोध टूटा। इस मामले में चैहान ने जो आरोप लगाए थे, उनके जवाब में सरकार ने सदन में जानकारी रखी थी। बृहस्पतिवार को विशेषाधिकार की अवहेलना मामले में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि चैहान के मामले में न्यायालय में चार्जशीट दी गई है जबकि न्यायालय में कोई चार्जशीट दायर नहीं है। विधायक चैहान ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अफसरों की ओर से पीठ को यह जानकारी दी गई कि विधायक चैहान के पास एक ही गनर है और न्यायालय में वाद दायर है। चैहान कहा कि पिछले पांच साल में उनके पांच गनर बदले गए। छह महीने से उनके पास गनर नहीं है। उन्होंने आरटीआई से मिली सूचना के आधार पर कहा कि न्यायालय में भी उन पर कोई वाद दायर नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने गलत जानकारी देकर सदन को गुमराह किया। उन्होंने स्पीकर से संरक्षण मांगा और मामले में संज्ञान लेने का अनुरोध किया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह बेहद गंभीर विषय है। अगर सदन को गलत जानकारी दी गई है, तो इसकी जांच कराई जाएगी। यदि जांच में पाया गया कि सदन को गुमराह किया गया है, तो इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।