राज्यपाल ने राजभवन परिसर स्थित नक्षत्र वाटिका पर बनी लघु फिल्म का विमोचन किया
देहरादून, । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राजभवन के प्रागंण में वसन्तोत्सव-2023 का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी, प्रथम महिला गुरमीत कौर, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी गीता धामी भी मौजूद रहे। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने पुष्पों की लड़ी काटकर एवं शांति के प्रतीक रंगीन गुब्बारों को हवा में छोड़कर वसंतोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया। राज्यपाल ने राजभवन परिसर स्थित नक्षत्र वाटिका पर बनी लघु फिल्म का विमोचन किया। इस अवसर पर डाक विभाग द्वारा इस वर्ष के लिये चयनित तिमरू के विशेष डाक आवरण का विमोचन किया गया साथ ही डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर उद्यान विभाग द्वारा किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए टोल फ्री किसान हेल्प लाइन नम्बर 18003135685 लांच किया गया। कार्यक्रम में उद्यान विभाग की पुस्तक ‘शुष्क पुष्प व्यावसायिक’ हस्त पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने अपना फैमली फॉर्मर सदस्यता का लोकार्पण भी किया। आज प्रथम दिवस के कार्यक्रमों में आईएमए के बैंड ने अपनी मधुर धुनों से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। वहीं गोरखा राइफल्स के जवानों द्वारा किए गए खुखरी नृत्य का लोगों ने खूब लुत्फ उठाया। देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के छात्रों ने योगा के बेहतरीन करतब दिखाये। इस दौरान आईटीबीपी के जवानों ने कराटे का अदभुत प्रदर्शन कर दर्शकों को रोमांचित किया। राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री ने वसंतोत्सव की प्रदर्शनी में लगाये गये विभिन्न स्टॉलों का भ्रमण किया। उन्होंने पेन्टिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले बच्चों से मुलाकात की। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष तीन दिवसीय वसंतोत्सव को लेकर लोगों में अलग उत्साह देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष प्रतियोगिता में 200 व्यावसायिक प्रतिष्ठानोंध्स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रतिभाग किया जिनकी संख्या इस वर्ष बढ़कर 535 हो गयी है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के जरिए उत्तराखण्ड कृषि एवं उद्यानीकरण के उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वसंतोत्सव की सभी को बधाई दी और कहा कि वसंतोत्सव लोगों को प्रकृति से जुड़ने का भी संदेश देता है और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उत्सव से कृषि, उद्यान सहित विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा कार्य करने वाले लोगों को अपने उत्पाद दिखाने का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि वसन्तोत्सव के माध्यम से किसानों को भी प्रोत्साहन के साथ-साथ स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।