उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला आया सामने, IFS अधिकारी में हुई संक्रमण की पुष्टि
हल्द्वानी । भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। कोविड 19 ने उत्तराखंड में भी दस्तक दे दी है। विदेश से लौटे भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के एक अधिकारी में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। अधिकारी हाल ही में देहरादून से हल्द्वानी आए थे। तबीयत बिगड़ने पर यहां के मेडिकल कॉलेज में उनकी जांच हुई। जांच में उनका सैंपल कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीपी भैसौड़ा ने भी इस की पुष्टि कर दी है। यह उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला है।इस मामले के सामने आने से पहले तक भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 107 हो गई थी। भारत सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों में सबसे ज्यादा मामले केरल से सामने आए हैं। वहां 22 लोग कोविड19 पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं देश में दो और पूरी दुनिया में पांच हजार से अधिक लोगों की मौत इस बीमारी के संक्रमण से हो चुकी है।कई राज्यों में स्कूल, कॉलेज, सार्वजनिक संस्थान और सिनेमा हॉल को बंद करने का आदेश जारी हो चुका है। उत्तराखंड में भी स्कूल और कॉलेज 31 मार्च तक बंद हैं। डिग्री कॉलेज, आईटीआई, आंगनबाड़ी केंद्रों और सिनेमाघरों को 31 मार्च तक बंद करने का निर्णय लिया गया है। कोरोना महामारी घोषित होने के बाद अब जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सभी अधिकार दे दे हैं। शनिवार शाम को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में पहले मंत्रि परिषद की बैठक हुई। मंत्रि परिषद के परामर्श के बाद कैबिनेट ने राज्य में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए इस रोग को महामारी घोषित कर दिया है। सरकार ने उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेग्यूलेशन एक्ट 2020 को लागू करने की मंजूरी दे दी है।