दूल्हा दुल्हन धारे पूजन कर देते हैं जल संरक्षण का संदेशः डॉ. सोनी
देहरादून, । ग्रामीण क्षेत्रों में भी अनोखी परम्पराएं देखने को मिलती हैं जहां एक ओर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हो रहा है वही गांव की रीति रिवाज उन्हें बचाने की पहल करती हैं। ग्रामसभा पूर्णा चमोली देवाल में दूल्हा संजय व दुल्हन ममता ने इस परम्परा को आगे बढ़ाते हुए मूल जलस्रोत की पूजा अर्चना कर जल संरक्षण की पहल की तथा मेरा पेड़-मेरा दोस्त के तहत वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी द्वारा दिया शगुन में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण किया। पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं हमारे पूर्वजों की कई ऐसी परम्पराएं हैं जो प्रकृति में निहित संसाधनों के संरक्षण पर जोर देती हैं। जहां जल संरक्षण की सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं वही हमारे गांव के दूल्हा दुल्हन पानी के धारे की पूजा कर मूल जलस्रोत को बचाने का संकल्प लेते हैं। दुल्हन ताँबे के गागर में पानी भरकर परिवार के सभी सदस्यों को पानी पिलाकर आशीर्वाद लेती हैं। डॉ सोनी कहते हैं जो रीति रिवाज हमारे पूर्वजों ने बनाये हैं उनका अनुशरण मनुष्य करें तो हमारे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नही होगा बल्कि उनका संरक्षण होगा। पं0 दलीप राम कहते है हमारे क्षेत्र में नव दम्पति पानी के धारे के पूजा करके पानी बचानी का संदेश देते हैं मैंने कई दूल्हा दुल्हन से धारे पूजन कराई हैं और वृक्षमित्र डॉ सोनी की शगुन में पौधा देने की पहल को आगे बढ़ा रहा हूं ताकि पर्यावरण का संरक्षण हो सके। कार्यक्रम में मदनराम, बलवंत राम, हरीशचंद्र सोनी, गोविन्द सोनी, जयबीर राम बधाणी, दिनेशचंद्र, चेतन सोनी, सुरेंद्र कुमार, सचिन, गंगा देवी, मनीषा देवी,पार्वती देवी, तुलसी देवी, कमला देवी, आशा देवी, मंजू कोहली, लक्ष्मी देवी, सुनीता देवी, नेहा सोनी आदि मौजूद थे।