बवाना विधानसभा उपचुनाव में साख पर लगी दिग्गजों की प्रतिष्ठा
नई दिल्ली । दिल्ली में बवाना विधानसभा उपचुनाव सभी दलों के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय को इसकी कमान सौंपी है। यह चुनाव गोपाल राय के लिए ही नहीं बल्कि आप के लिए भी प्रतिष्ठा का विषय बन गई है। भाजपा भी इस सीट पर जीत के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए यह उपचुनाव भले हो, लेकिन इसमें बड़े-बड़ों की साख दांव पल लगी है।
यही कारण है कि आम आदमी पार्टी ने 13 अगस्त को बवाना में 26 गांवों का महापंचायत बुलाया है। इसमें दिल्ली देहात के गांवों को स्मार्ट गांव बनाने, लैंड पूलिंग योजना, फसल का मुआवजा, जमीन का मालिकाना हक आदि विषयों पर चर्चा होगी। इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा दिल्ली सरकार के विकास मंत्री के रूप में गोपाल राय मुख्य रूप से शामिल होंगे।
यह महापंचायत सफल हो इसके लिए गत 28 जुलाई से गोपाल राय ने बबाना के 24 गांवों की यात्रा करके लोगों से सीधी बात कर चुके हैं। पार्टी के प्रदेश संयोजक होने के नाते गोपाल राय ने बवाना उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है।
वह दो से तीन जनसभाएं कर रहे हैं पिछले दिनों बवाना उपचुनाव के दौरान गांव को स्मार्ट गांव बनाने की योजना को पर जिस तरह अन्य राजनीतिक दल ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया और इसकी शिकायत दर्ज कराई थी।
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बाबत प्राप्त नोटिस का जवाब गुरुवार को गोपाल राय ने दे दी है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली देहात के गांवों स्मार्ट गांव बनाने का ऐलान गत मार्च महीने में ही दिल्ली सरकार ने लिया था।
वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने बजटीय भाषण में इस योजना के लिए छह सौ करोड़ रुपये फंड देने का ऐलान किया था। जोकि अब तक का सर्वाधिक है। इससे पहले राजधानी के गांवों में विकास कार्य के लिए 132 करोड़ रुपये ही दिए गए थे।