प्रद्युम्न हत्याकांड : दस दिन बाद 20 फीसद बच्चे ही पहुंचे स्कूल, फिर जड़ गया ताला
गुरुग्राम । प्रद्युम्न की स्कूल के बाथरूम में ही किए गए कत्ल के दस दिन बाद सोमवार को भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल खुला। स्कूल में कुल 1200 बच्चों में से करीब 250 बच्चे ही स्कूल पहुंचे। छोटी क्लास के बच्चे कम आए थे, जो आए भी थे उन्हें उनके माता- पिता लेकर आए थे। सभी के चेहरों पर घटना का असर दिख रहा था। हालांकि, स्कूल में अव्यवस्था को लेकर अभिभ्ाावकों में उपजे आक्रोश के चलते 23 सितंबर तक के लिए स्कूल में ताला जड़ दिया गया।
कुछ बच्चे तो सहमे नजर आ रहे थे। स्कूल के प्रशासक नियुक्त किए गए उपायुक्त विनय प्रताप सिंह प्रशासनिक टीम के साथ स्कूल में सुबह पौने आठ बजे ही पहुंच गए थे। इससे पहले काफी संख्या में पुलिसकर्मी सादीवर्दी में स्कूल में लगा दिए गए थे।
कई लोग तो बच्चों को स्कूल के गेट पर ही छोड़ चले गए वहीं कई बच्चों के साथ कक्षा तक गए। स्कूल में व्यवस्था में खामी बता अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों को लेकर चले गए। सुबह 11 बजे तक स्कूल में 70 बजे ही रह गए थे।
हर कोई प्रद्युम्न की याद कर हुआ भावुक
बच्चों को छोडऩे आए अभिभावक एक बार प्रद्युम्न के लिए जरूर शोक जाहिर करते आए। बच्चे भी प्रद्युम्न की याद कर भावुक हो रहे थे। प्रद्युम्न अपनी ही क्लास में नही कई क्लास के बच्चों का चहेता था। उसकी बहन पांचवीं में पढ़ती थी, जिसके चलते पांचवीं कक्षा के हर छात्र-छात्रा से वह जुड़ा हुआ था।
दूसरी क्लास पहली मंजिल पर लगाई गई थी
प्रद्युम्न की क्लास से लेकर बाथरूम का एरिया सील रखा गया था। वहां पर चार सुरक्षा गार्ड के साथ-साथ पुलिस कर्मी भी सादी वर्दी में तैनात कर दिए गए थे। वहां किसी को जाने नहीं दिया जा रहा था। प्रद्युम्न दूसरी कक्षा के ए सेक्शन में पढ़ता था। यह क्लास पहली मंजिल पर लगाई गई थी। 28 बच्चों में 11 बच्चे ही क्लास में पहुंचे थे। उनमें छह कुछ देर में ही अपने अभिभावक के साथ लौट गए। बच्चे कम होने के चलते सभी को एक में कर कुछ घंटे तक पढ़ाई कराई गई।
शौचालय की नहीं कई गई व्यवस्था
शौचालय में आठ सितंबर के बाद प्रद्युम्न की हत्या के बाद उसे सील का दिया गया था। उसके बाद शौचालय भी नहीं बनवाए गए। स्कूल प्रबंधन देख रहे प्रशासनिक अधिकारियों ने दावा कि कि बच्चों व स्टाफ के लिए अलग-अलग मोबाइल टायलेट कर व्यवस्था की गई थी। वहीं प्रबंधन कक्ष से जुड़े शौचायल को भी स्कूल स्टाफ के प्रयोग के लिए खोला गया था। वहीं स्कूल से बाहर आने के बाद कई सतबीर राघव व अशोक राघव ने कहा कोई व्यवस्था नहीं की गई।
बस चालक व हेल्पर अंदर ही जमा रहे
स्कूल बस के चालकों तथा हेल्पर के लिए अलग से कोई स्थान तय नहीं किया गया था। वह पहले की तरह स्कूल परिसर के अंदर ही बसों के पास बैठे नजर आ रहे थे। बदलाव में केवल सुरक्षा एजेंसी के गार्ड ही बदले और अधिक संख्या में नजर आ रहे थे। अभिभावकों ने कहा कि बसों की हालत भी पहले की ही तरह है। उनके कैमरे नहीं लगाए गए हैं।
नोटिस का जबाव प्रशासक देंगे
प्रदेश सरकार के निर्देश पर उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने सोमवार को रेयान इंटरनेशनल स्कूल भोंडसी का प्रबंधन प्रशासक के तौर प अपने हाथ में ले लिया है। इसके बाद उन्होंने विद्यालय में शिक्षारत विद्यार्थियों के अभिभावकों के साथ बैठक की जिसमें विद्यार्थियों की सुरक्षा पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
उपायुक्त ने कहा कि इसी प्रकार की अभिभावकों के साथ एक अन्य बैठक 23 सितंबर को होगी। उन्होंने बताया कि कमियां ज्यादातर वही थी, जो जिला प्रशासन द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट तथा सीबीएससी बोर्ड द्वारा उजागर की गई थी।
उन्होंने कहा कि सीबीएससी बोर्ड ने विद्यालय प्रबंधन को इन कमियों के बारे में एक नोटिस भी भेजा है, जिसका जवाब 15 दिन में प्रबंधन से मांगा गया है। अब चूंकि प्रबंधन उन्होंने संभाल लिया है इसलिए जवाब भी वे ही भिजवाएंगे।
तीन घंटे में बंद हो गया स्कूल
सुबह 6:30 – एसडीएम व पुलिस कर्मी स्कूल पहुंचे
सुबह 7:15— स्कूल का गेट खोला गया और स्कूल बस और बच्चों का आना शुरू हुआ
7:20 – उपायुक्त स्कूल पहुंचे
8:00 बच्चों को कक्षाओं में भेजा गया
8:20 बच्चों को लेकर अभिभावक स्कूल से घर जाने लगे
9:00 उपायुक्त ने अभिभावकों के साथ की बैठक