ऊर्जा भवन में ‘‘इलेक्ट्रीशिटी अमेन्डमेंट बिल-2022‘‘ को वापस लिये जाने के विरोध में सांकेतिक धरना आयोजित
इस बिल के आने से उपभोक्ताओं को मंहगी बिजली के दाम झेलने को तैयार रहना पडेगा तथा इसके आने से कार्मिकों का उत्पीड़न शुरू हो जायेगा : वरिष्ठ अभियंता श्री एनएस बिष्ट
देहरादून । आज उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लि0 ऊर्जा भवन, कांवली रोड, देहरादून के प्रांगण में केंद्र सरकार द्वारा बिजली के निगमों को कुछ चुनिदा उद्योगपतियों को बेचे जाने की नियम से लाये जा रहे ‘‘इलेक्ट्रीशिटी अमेन्डमेंट बिल-2022‘‘ को वापस लिये जाने के विरोध में सांकेतिक धरना आयोजित किया गया। जिसमें संयुक्त मोर्चे के विभिन्न घटक संगठनों/एसोसिएशनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों व सदस्यों ने प्रतिभाग किया। सभा का संचालन श्री पवन रावत जी व अध्यक्षता वरिष्ठ अभियंता श्री एनएस बिष्ट जी द्वारा की गई। सभा को सम्बोधित करते हुए सभी वक्ताओं ने कहा कि यह बिल केन्द्र सरकार अपने कुछ उद्योगपतियों के दबाव में कार्मिकों व उपभोक्तओं के हितों के विपरीत जबदस्ती पास कराने में आमदा है जिसे बिजली का कार्मिक किसी भी सुरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। वक्ताओं द्वारा कहा गया कि इस बिल के आने से उपभोक्ताओं को मंहगी बिजली के दाम झेलने को तैयार रहना पडेगा तथा इसके आने से कार्मिकों का उत्पीड़न शुरू हो जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर बिजली निगमों को घाटे की ओर ले जाने की साजिश रच रही ताकि अपने उद्योगपति साथियों को औने पौने दामों में इसे बेचा जा सके। निगमों द्वारा नये बिजली घर, नयी लाईने तैयार कर एकदम बढिया इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ाकर बेचने की तैयारी कर रही है जिसे देश का बिजली कार्मिक किसी भी सुरत में बिकने नहीं देगा। अतः सभी उपस्थित वक्ताओं ने एक सुर में केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि शीघ्रताशीघ्र ‘‘इलेक्ट्रीशिटी अमेन्डमेंट बिल-2022‘‘ को वापस लिया जाए अन्यथा की स्थिति में बिजली का कर्मचारी /अधिकारी किसी भी बड़े आंदोलन से पीछे नहीं हटेगा। फिर भी यदि केंद्र सरकार द्वारा इस अधिनियम को बिजली कर्मचारियों पर जबरदस्ती थोपने का प्रयास करती है उत्तराखंड सहित देश के सभी राज्यों के बिजली कर्मचारी हड़ताल पर जाने को पिछे नहीं हटेगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी केंद्र व राज्य सरकार की होगी।इस दौरान सर्वश्री कार्तिकेय दुबे, अमित रंजन, बीरबल सिंह, पवन रावत, विनोद कवि, अनिल उनियाल, अनिल मिश्रा, एन.एस. बिष्ट, शैलेंद्र सिंह, नरेश कुमार, सुधीर सिंह, अनिल धीमान, मोहित डबराल, मोहन मित्तल, कैलाश कुमार, बबलू सिंह, राहूल चानना, राहूल अग्रवाल, मनोज रावत, शिखा अग्रवाल, नीता चैहान, शीला बोरा, निरज उनियाल, स्वाति पंत, के.डी. जोशी, सुभाश कुमार अनिल नौटियाल, बिजेन्द्र भण्डारी, केसर सिंह, प्रमोद भण्डारी, संजय कुमार सहित सैकड़ों अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।