एनजेएसी मामले में सुप्रीम कोर्ट मार्च में सुनवाई को सहमत, 2015 में ACT हुआ था खारिज
नई दिल्ली । एनजेएसी (नेशनल जूडिशियल अपॉइंटमेंट कमीशन) एक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में सुनवाई के लिए सहमति दी है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की बेंच ने अदालती कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग व सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में रिक्त पदों के विज्ञापन निकालने के मामले में भी विचार करने को कहा है।
गौरतलब है कि 2015 में पांच जजों की संविधान बेंच ने एनजेएसी एक्ट के साथ कांस्टीट्यूशन (99वें संशोधन) एक्ट 2014 को खारिज कर दिया था। तब बेंच ने सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्टों में जजों की नियुक्ति व स्थानांतरण के लिए कोलेजियम प्रणाली पर मुहर लगाई थी। पांच में से केवल एक जज ने इस फैसले के विरोध में मत दिया था। जस्टिस जे चेलामेश्वर ने संविधान संशोधन को तब जायज ठहराया था।
सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्र, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड व जस्टिस एएम खानविलकर की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की। अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदमपारा का कहना था कि पहले भी जब एनजेएसी एक्ट की वैधानिकता पर सुनवाई होनी थी, तब वरिष्ठ वकीलों की वजह से उसे टालना पड़ा। उनकी दलील थी कि एक्ट को लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि कोलेजियम प्रणाली में पारदर्शिता का अभाव है। नेदमपारा ने तीन याचिकाएं लगाई थीं। इसमें वीडियो रिकार्डिंग के साथ रिक्त पदों के विज्ञापन निकाले जाने की मांग भी शामिल है, जिससे अधिवक्ता भी सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्टों में जजों के लिए आवेदन कर सकें। चीफ जस्टिस ने कहा कि मार्च में एक साथ तीनों याचिकाओं की सुनवाई की जाएगी।