सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिखा असर, कम पटाखे जलने पर भी घुटा दिल्ली का ‘दम’
नई दिल्ली । सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद ऐसा लग रहा था कि इस बार दिवाली में पटाखे बिल्कुल नहीं जलेंगे, लेकिन जैसे लोगों के घरों के दीये जलने शुरू हुए वैसे ही पटाखे जलाने का सिलसिला भी शुरू हुआ।
पटाखे जलाने का सिलसिला पिछले सालों की तुलना में काफी कम रहा। अब सवाल उठ रहा है कि लोगों के पास पटाखे आए कहां से। हालांकि, पुलिस ने दिवाली से पहले अवैध पटाखा बेच रहे कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान ही था।
पार्कों की ओर रुख करने लगे लोग
पश्चिमी दिल्ली के पालम के राजनगर, नसीरपुर, मंगलापुरी, सीतापुरी, पोचनपुर, डाबड़ी, सागरपुर और नजफगढ़ के धर्मपुरा, ककरौला, विकास विहार, पपरावट रोड, कांगनहेड़ी में देर रात तक लोग पटाखे जलाते रहे। विशेषकर, उत्तम नगर और इसके आस पास का इलाका पटाखों के शोरगुल और धुआं उठने की वजह से इस कदर प्रदूषित हो गया कि रात को घरों से निकलकर लोग पार्कों की ओर रुख करने लगे।
सड़कों पर स्टंट
इससे भी खतरनाक स्थिति न्यू महावीर नगर और नवादा क्षेत्र की रही। राजापुरी, विश्वास पार्क और बिजवासन के कापसहेड़ा में रात भर पटाखे जलते रहे। उधर, कुछ युवक मोटरसाइकिल और स्कूटर पर सवार होकर सड़कों पर स्टंट करते नजर आए।
सगे संबंधियों और जानकारों से किया संपर्क
बता दें कि, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से पहले ही इलाके के दुकानदारों ने पटाखे की खरीद कर ली थी। इसके बाद अदालत का आदेश आने से दुकानदारों को लगा कि उनका पैसा बर्बाद हो जाएगा। इसके बाद दुकानदारों ने तरकीब निकाली और अपने सगे संबंधियों और जानकारों से संपर्क किया। वह उन लोगों को पटाखा बेचने लगे। ऐसे में उन्हें किसी प्रकार की कार्रवाई का भी डर नहीं सता रहा था। ऐसे ही अधिकांश लोगों ने पटाखे खरीदे और देर रात तक आतिशबाजी की।
News Source: jagran.com