SSC ने CBI जांच की सिफारिश का फैसला किया, छात्र लिखित आश्वासन पर अड़े
नई दिल्ली: कर्मचारी चयन आयोग ने एसएससी प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक होने के मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करने का निर्णय लिया है. वहीं रविवार को बीजेपी की ओर से सांसद मीनाक्षी लेखी और दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी पहुंचे और उन्होंने कहा कि सरकार ने CBI जांच की बात मान ली है. छात्र फिर भी नहीं माने उन्होंने कहा कि जब तक सरकार लिखित में नहीं देगी तब तक आंदोलन ख़त्म नहीं होगा.
एसएससी प्रमुख असीम खुराना ने एक बयान में कहा कि कथित पेपर लीक के विरोध में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला और एक ज्ञापन सौंपा. उनके साथ दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी भी थे. उन्होंने 17 से लेकर 22 फरवरी तक आयोजित हूई परीक्षा में प्रश्नपत्रों के लीक होने के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है.
बयान में कहा गया है कि आयोग ने 21 फरवरी को हुई परीक्षा के प्रश्नपत्र-1 के प्रश्न लीक होने से जुड़े आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से करने पर सहमति जताई है. इससे पहले तिवारी ने प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी और एसएससी अभ्यर्थियों की चिंताओं के बारे में उनको जानकारी दी.
सैकड़ों छात्र एसएससी कार्यालय के बाहर 27 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे हैं.रविवार को छात्रों के प्रदर्शन का पांचवा दिन था. दरअसल, एसएससी द्वारा आयोजित सीजीएल 2017 के टियर टू की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हो गए थे जिसके बाद से परीक्षार्थी सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे.
एसएससी परीक्षा को रद्द करने औरइसकी सीबीआई जांच कराने को लेकर अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्री को चिट्ठी लिखी है. अपनी मांग को लेकर छात्र 27 फरवरी से दिल्ली में एसएससी मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे है. इन छात्रों का कहना है कि जब तक इनकी मांग मानी नही जाती है तब तक इनका आंदोलन जारी रहेगा.