ट्रेनों को समय से चलाने के लिए विशेष अभियान शुरू, हाई अलर्ट पर कई विभाग
नई दिल्ली । कोहरे ने ट्रेनों की रफ्तार धीमी कर दी है। लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनें तो दूर शताब्दी व राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों की भी चाल बिगड़ गई है। इससे यात्री परेशान हैं तो रेल मंत्रालय चिंतित। यात्री सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां कर रहे हैं।
चलेगा विशेष अभियान
अब रेलवे बोर्ड ने लेटलतीफी के कारणों की पड़ताल कर इसे दूर करने का फैसला किया है। इसके लिए 14 से 28 जनवरी तक एक पखवाड़े का विशेष अभियान चलेगा। इस दौरान विभिन्न विभागों के बीच सामंजस्य बढ़ाकर ट्रेन को समय पर दौड़ाने की कोशिश होगी। बेहतर काम करने वाले कर्मचारी पुरस्कृत भी होंगे।
तकनीकी खराबी की वजह से ट्रेनें लेट होती हैं
वर्ष 2016 की तुलना में पिछले वर्ष अप्रैल से दिसंबर तक रेल समयबद्धता में लगभग चार फीसद की कमी आई है। मौसम के साथ ही दुर्घटना, मरम्मत कार्य और तकनीकी खराबी की वजह से ट्रेनें लेट होती हैं। विभागों के बीच सामंजस्य को बेहतर कर इन समस्याओं से निपटा जा सकता है। इसलिए विशेष अभियान के दौरान इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिग्नल एवं टेलीकाम (एसएंडटी), इंजीनियरिंग, लोको, रेलवे सुरक्षा बल और वाणिज्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जिससे कि ट्रेन परिचालन में आने वाली किसी भी समस्या को समय रहते हल किया जा सके।
स्टेशन से ट्रेनें समय पर रवाना हों
अपर मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) मंडल में अभियान की निगरानी करेंगे और सभी शाखाओं के बीच सामंजस्य को सुधारेंगे। वहीं मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) रोजाना अधिकारियों के साथ बैठक कर अभियान की समीक्षा करेंगे। देर से चलने वाली ट्रेनों के कारणों का पता लगाकर उसे दूर करेंगे। डीआरएम यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके अधीन आने वाले स्टेशनों से ट्रेनें समय पर रवाना हों।
ट्रेनों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग
अधिकारी व इंस्पेक्टर को ट्रेनों में तैनात किया जाएगा, जिससे कि वे ट्रेन परिचालन में होने वाली परेशानी की पहचान कर सकें। इसके साथ ही ट्रेनों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी। रेलवे बोर्ड भी प्रत्येक रेलवे जोन व मंडल के कार्य पर नजर रखेगा। शताब्दी व राजधानी जैसी ट्रेनों के समय में सुधार पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। वहीं, 31 जनवरी तक रेलवे बोर्ड को अभियान की पूरी रिपोर्ट भेजनी होगी। इसके आधार पर ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
समस्याएं होंगी दूर
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के अभियान से रेल परिचालन में आने वाली समस्याएं दूर करने में मदद मिलेगी। इन दिनों मौसम के साथ ही मरम्मत कार्य की वजह से भी ट्रेनें लेट हो रही हैं। निर्माण कार्य के कारण वर्ष 2016 की तुलना मे पिछले वर्ष अप्रैल से दिसंबर तक 18 फीसद ज्यादा ट्रैफिक ब्लॉक लिया गया है। बेहतर सामंजस्य से ट्रैफिक ब्लॉक में कमी लाई जा सकती है। इसी तरह से पटरी, इंजन व सिग्नल में खराबी जैसी समस्याओं का समय से निवारण कर ट्रेनों की लेटलतीफी दूर की जा सकती है।