पाठ्यक्रम में सिख हिस्ट्री का मामला गर्म
चण्डीगढ। पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड के स्कूलों में पढ़ाई जा रही हिस्ट्री की 12वीं की किताबों में इस बार सिख गुरु साहिबान और सिख हिस्ट्री के कई चैप्टर गायब कर दिये गये हैं। अकाली दल का आरोप है कि नई किताब में सारी सिख हिस्ट्री ही गायब कर दी गई है।
स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इसे निराधार बताया हैं। अकालीदल के सुखवीर बादल ने इसका विरोध किया है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दावा किया है कि उन्होंने सिख हिस्ट्री को प्लस 1 में शिफ्ट कर दिया है और उसमें महज पहले भाग में पंजाब का इतिहास के ही 6 चैप्टर दर्ज किए हैं. इसमें पंजाब के इतिहास के स्रोत, गुरुकाल, श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं और यात्राएं, सिख धर्म का विकास और सिख गुरुओं का योगदान, सिख धर्म का रुपांतरण, खालसा पंथ की स्थापना और चार साहिबजादे दर्ज हैं, जबकि भाग 2 में सिख हिस्ट्री के साथ कुछ भी नहीं है। पंजाब में आम तौर पर 11वीं में ही 12वीं का ही सिलेबस करवाया जाता है, ताकि बोर्ड की परीक्षा में दो साल की तैयारी हो सके। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल का
कहना है कि कांग्रेस की नीति एंटी सिख-एंटी पंजाब है। कांग्रेस ने सिख इतिहास को सिलेबस से बाहर निकाल कर कांग्रेस का इतिहास उसमें डाल दिया है।