राम मंदिर विवाद सुलझाने अयोध्या पहुंचे श्रीश्री रविशंकर, दोनों पक्ष से करेंगे बात
फैजाबाद । आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने बातचीत के माध्यम से अयोध्या के राम मंदिर विवाद सुलझाने का प्रयास किया है। इसी क्रम में कल लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के बाद आज वह अयोध्या में हैं।
अयोध्या में चंद घंटे के बाद आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर राम जन्मभूमि विवाद के शांतिपूर्ण हल के लिए इससे जुड़े पक्षकारों से मुलाकात करेंगे। भले ही इस मामले में उनकी मध्यस्थता को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं, लेकिन उनका मानना है कि वह आलोचकों का मुंह बंद नहीं कर सकते। इस विवाद के पटाक्षेप का एक प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि का विवाद सिर्फ बातचीत से ही हल हो सकता है। इसके लिए वह प्रयासरत हैं। इसमें उनका कोई निजी एजेंडा नहीं है।
श्रीश्री रविशंकर ने आज अयोध्या पहुंचने से पहले कल लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी। उनके बीच क्या बात हुई इसका खुलासा नहीं हो सका है, लेकिन श्रीश्री का कहना है कि उनके प्रयासों का सकारात्मक परिणाम निकलेगा।
उनका आज अयोध्या में राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य डॉ रामविलास वेदांती, मस्जिद के पैरोकार स्वर्गीय हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वे निर्मोही अखाड़े के प्रतिनिधि महंत रामदास व अशर्फी भवन के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधार्चार्य से भी मुलाकात करेंगे।
आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के संस्थापक व आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर आज दस बजे अयोध्या पहुंच गए। इसके बाद सीधे मणिराम छावनी पहुंचे। आज उनका रामलला के दर्शन के साथ संतों से मुलाकात का कार्यक्रम है।
श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज सहित अन्य संतों से भेंट कर रामजन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद विवाद के सम्बन्ध में सभी संतों की राय जानेंगे। इसके साथ ही वह मुस्लिम पक्षकारों से भी भेंट करने उनके आवास जाएंगे।
भक्तों से करेंगे मुलाकात
इसके बाद तोताद्रि मठ में वह अपने भक्तों से भेंट करेंगे। देर शाम वह लखनऊ वापस जाएंगे। इससे पहले उनके आगमन के मौके पर अधिकांश संतों का समर्थन जुटाने का प्रयास बंगलुरु से आए उनके प्रतिनिधि स्वामी भव्य तेज की ओर से किया गया।
इसी सिलसिले में उन्होंने दिगम्बर अखाड़ा में महंत सुरेश दास व दंतधावन कुंड के महंत नारायणाचारी के साथ संत समिति के अध्यक्ष व सनकादिक आश्रम के महंत कन्हैया दास रामायणी व रामायणी रामशरण दास के अलावा अन्य संतों से भेंट की।