Budget 2018: रोजगार बढ़ाना हो सरकार का टारगेट, अर्थशास्त्रियों की सलाह
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट संसद में पेश होने से करीब तीन हफ्ते पहले विशेषज्ञों ने सलाह दी है सरकार का टारगेट केवल रोजगार बढ़ाना होना चाहिए और इसके लिए तेज आर्थिक विस्तार पर जोर देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट से पहले देश के 40 शीर्ष अर्थशास्त्रियों व विशेषज्ञों के साथ बैठक की और ‘आर्थिक नीति, आगे की राह” विषय पर मंथन किया। इस मौके पर ज्यादातर विशेषज्ञों ने कहा कि देश का करीब 20 फीसदी शिक्षित युवा बेरोजगार है, लिहाजा यह समस्या नीतियों के केंद्र में होना चाहिए।
हालांकि केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति अयोग की तरफ से बुलाई गई बैठक में कृषि क्षेत्र एवं ग्रामीण विकास, शहरी इलाकों में बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य व शिक्षा, रोजगार, मैन्युफैक्चरिंग एवं निर्यात और शिक्षा जैसे 6 अहम विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, लेकिन अर्थशास्त्रियों ने नौकरियों के इंतजाम को सबसे अहम मुद्दा करार दिया।
बैठक के बाद नीति अयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि 40 से ज्यादा अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने अर्थव्यवस्था और नीति-निर्माण के विभिन्न् पहलुओं पर व्यावहारिक विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि एक विशेषज्ञ की राय थी कि सरकार को केवल रोजगार सृजन को टारगेट करना चाहिए। एक अन्य विशेषज्ञ का मानना था कि चूंकि 20 फीसदी से ज्यादा शिक्षित युवा बेरोजगार हैं, लिहाजा यह उनके बारे में सोचने का मौका है।
…तो क्या करेगी सरकार
राजीव कुमार ने कहा कि नीति आयोग बहुत जल्द उस टास्क फोर्स की रिपोर्ट सामने लाएगा, जिसका गठन देश में रोजगार सृजन पर हाई-फ्रीक्वेंसी डेटा का अध्ययन करने के लिए किया गया था। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि अगले आम बजट में रोजगार पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।
इस साल कंपनियों में नौकरियां, वेतन बढ़ने के आसार
इस साल घरेलू कंपनियों में 10 फीसदी तक वेतनवृद्धि और नई भर्तियां बढ़ने की संभावना है। मर्कर के 2017 के ‘इंडिया टोटल रिम्युनरेशन सर्वे के मुताबिक लगभग सभी औद्योगिक क्षेत्रों की कंपनियां 2018 में अपने कर्मचारियों का वेतन 10 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं। यह 2016 और 2017 की वेतन वृद्धि के ही समान है। विभिन्न् क्षेत्रों की 791 कंपनियों के बीच किए गए सर्वेक्षण में 55 प्रतिशत कंपनियों ने माना कि वे अगले 12 महीनों के दौरान कर्मचारियों की नियुक्ति करने की इच्छुक हैं।
पिछले साल 48 प्रतिशत कंपनियों ने ऐसा कहा था। मर्कर के भारतीय कारोबार में प्रतिभा कंसलटिंग और आईटी प्रमुख प्रमुख शांति नरेश ने कहा कि भारतीय कंपनियों में निचले स्तर की दोहरे अंक की वृद्धि जारी रहने की संभावना है। इसकी अहम वजह सकारात्मक आर्थिक माहौल है। साथ ही उचित प्रतिभा की कमी के कारण कंपनियों में नियुक्तियां भी बढ़ने की उम्मीद है।