JDU के ‘तीर’ चुनाव चिह्न को लेकर अब दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा शरद यादव गुट
नई दिल्ली । जनता दल (यूनाइटेड) के शरद यादव गुट के नव नियुक्त अध्यक्ष के. राजशेखरन ने तीर के चिह्न पर उनके दावे को खारिज करने वाले निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की। राजशेखरन का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील के मौजूद न होने के कारण न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने सुनवाई बृहस्पतिवार तक स्थगित कर दी।
जद (यू) नेता ने निर्वाचन आयोग के 25 नवंबर के आदेश को चुनौती दी है। आयोग ने अपने आदेश में कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गुट असली जदयू है और उसे तीर का चिह्न आवंटित कर दिया गया है। नीतीश द्वारा जुलाई में भाजपा से हाथ मिलाने के बाद शरद यादव नीतीश कुमार से अलग हो गए थे।
इसके बाद से ही दोनों के बीच पार्टी पर अधिकार को लेकर ल़़डाई चल रही है। शरद यादव गुट इससे पहले निर्वाचन आयोग के 17 नवंबर के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा था। इसमें आयोग ने नीतीश कुमार के गुट वाले जद (यू) के पक्ष में फैसला दिया था लेकिन उसने इस फैसले के पीछे के कारण नहीं बताए थे।
राजशेखरन ने हाई कोर्ट से चुनाव आयोग के 25 नवंबर के फैसले को रद्द करने की मांग की है। इससे पहले याचिका गुजरात विधायक छोटू भाई वसावा की तरफ से दायर की गई थी, जो कि उस समय यादव गुट के कार्यकारी अध्यक्ष थे।
नीतीश कुमार गुट ने कोर्ट को बताया कि उनकी पार्टी के सदस्यों ने पहले ही तीर चिह्न के साथ आवेदन किया है, जिसे चुनाव आयोग ने अनुमति दी है।
यादव गुट ने दावा किया नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के साथ गठबंधन तो़ड़कर पार्टी के संसदीय समिति के फैसले का उल्लंघन किया गया है।