मिशन-2019 फतह करने को शाह ने दिया संगठन सर्वोपरि ‘मंत्र’
देहरादून : मिशन 2019 फतह करने के लिए देशभर में 110 दिन के प्रवास कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तराखंड पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठन सर्वोपरि का संदेश दिया। उन्होंने पार्टीजनों को नसीहत देते हुए कहा कि भले ही हम शिखर पर पहुंचे हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। भाजपा को संपूर्ण भारत में पहुंचाकर उसे अजेय संगठन बनाना है। पार्टी संगठन को बूथ स्तर तक इतना मजबूत बनाना होगा कि कोई उसे पराजित न कर सके। संगठन की शक्ति के कारण ही भाजपा आज देश के हर हिस्से में मजबूती के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का बहुप्रतीक्षित उत्तराखंड दौरा मंगलवार को आरंभ हो गया। शाह देहरादून में दो दिन प्रवास करेंगे और इस दौरान वह सरकार और संगठन के साथ बैठकों समेत कुल 21 कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। भाजपा अध्यक्ष के राज्यों के प्रवास की कड़ी में उत्तराखंड 23 वां राज्य है। राज्य की अस्थायी राजधानी देहरादून पहुंचने के बाद उन्होंने बिना कोई क्षण गंवाए राजपुर रोड स्थित एक होटल के बंद कक्ष में भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों, सांसद-विधायकों, जिला संयोजक, अध्यक्ष व महामंत्री, सहकारी बैंकों के अध्यक्ष व जिला पंचायत अध्यक्षों के साथ बैठक को संबोधित किया और उनके सुझाव लिए।
बैठक में मौजूद भाजपा नेताओं के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उनका मकसद देश के हर कोने में भाजपा को पहुंचाना है। प्रवास कार्यक्रमों से सभी कार्यकर्ताओं से बात करने का अवसर मिलता है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हालिया विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी को चुनाव में तीन-चौथाई बहुमत मिला है लेकिन जरूरी है कि इसे सहेज कर रखा जाए। इसके लिए पार्टी की विचारधारा का प्रचार-प्रसार आवश्यक है। अभी भाजपा ऊंचाई पर है, लेकिन गलती से भी इसका अभिमान नहीं होना चाहिए।
शाह ने कहा कि उत्तराखंड में विजय से कार्यकर्ताओं में बड़ा विश्वास जागृत हुआ है। जब उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत मिलता है तो आलस्य का निर्माण भी होता है, लेकिन यह भी याद रखना जरूरी है कि अभी बंगाल, केरल, पूर्वोत्तर के कुछ राज्य बाकी हैं। लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई पंचायत से लेकर सबसे बड़ी संस्था संसद तक भाजपा का वर्चस्व कायम करने की मंशा जताते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक सिर्फ भाजपा ही भाजपा रहे। इसके लिए संगठन को हर राज्य में बूथ स्तर तक इतना मजबूत बनाना होगा कि कोई पराजित न कर सके। वह यह कहना भी नहीं भूले कि सरकार और संगठन में समन्वय भी बेहद जरूरी है।
पलायन की पीड़ा से रूबरू हुए शाह
प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से निरंतर हो रहे पलायन का मसला भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के समक्ष भी गूंजा। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पलायन को थामने के लिए पहाड़ में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मसलों पर खास फोकस करने का सुझाव दिया। साथ ही यह अहसास भी कराया कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से सटे राज्य के सीमावर्ती गांवों का खाली होना सामरिक दृष्टि से किसी भी दशा में उचित नहीं है। उत्तराखंड की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने कहा कि पानी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य व रोजगार से जुड़े सवालों के समाधान को केंद्र की मदद की दरकार है। अन्य कई कार्यकर्ताओं ने भी पलायन रोकने को ठोस नीति बनाने का सुझाव दिया। बता दें कि पलायन के चलते गुजरे 17 सालों में तीन हजार गांव खाली हो चुके हैं।
खास तबके को मिली शाह की तवज्जो
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने संगठन को ओपिनियन मेकर्स के साथ बेहतर संबंध बनाने का संदेश दिया। मतदाताओं के बड़े समूह को प्रभावित करने वाले इस खास तबके की अहमियत को राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तराखंड भाजपा को बेहद सुलझे हुए अंदाज में समझाने में सफल रहे। चाहे शहर के उद्योगपतियों, चिकित्सकों, पूर्व सैनिकों और शिक्षाविदों के साथ दोपहर भोज का कार्यक्रम रहा। शाह ने सबके सामने संगठन और केंद्र सरकार की तस्वीर और नीतियों को साझा किया।
‘मैं आपको सुनने आया हूं और आप बातों में मशगूल हैं’
कड़क मिजाज के लिए मशहूर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दून प्रवास के पहले दिन इसी के अनुरूप शिक्षक की भूमिका में नजर आए। पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की ‘क्लास’ शुरू करते ही जहां उन्होंने सुझाव देने के लिए प्रेरित किया, वहीं नारे लगाने पर फटकार लगाने में भी पीछे नहीं रहे। और तो और, सुझावों की कड़ी के दौरान हो रही खुसफुसाहट पर भी सख्त तेवर दिखाए और बोले, ‘आप दिल्ली आते हो शिकायत लेकर, आज मैं खुद आपके बीच बैठकर आपकी बात सुन रहा हूं तो आप बातें करने में मशगूल हो।’
शाह की दावत में 60 विशिष्ट मेहमान
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का सामूहिक और आधुनिक विकास का एजेंडा दून में भी दिखा। दोपहर के भोज पर शाह ने स्थानीय एक होटल में शहर के 60 प्रतिष्ठित लोगों को आमंत्रित किया। भोज के दौरान करीब 30 मिनट का समय शाह ने मेहमानों के साथ गुजारा। इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए विकास में सहयोग की अपेक्षा की।