नीतीश कुमार को सीएम पद से हटाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता को SC का निर्दश- आरोपों की जानकारी चुनाव आयोग को दो
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट नीतीश कुमार को बिहार सीएम के पद से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को चार हफ्ते के अंदर पूरी याचिका की एक प्रति चुनाव आयोग को देने के लिए कहा है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई की चार हफ्ते बाद तय की है. आपको बता दें कि वकील एमएल शर्मा ने याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि 2004 से 2012 के दौरान नीतीश कुमार ने हलफ़नामे में ये खुलासा नहीं किया कि 1991 में उन पर हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. याचिका में दावा किया गया है कि नीतीश कुमार ने अपने एफिडेविट में इस बात का जिक्र नहीं किया कि उनके नाम पर हत्या का मामला दर्ज है,
लिहाजा नीतीश कुमार को सीएम पद के लिए अयोग्य घोषित किया जाए. इसके अलावा नीतीश कुमार के खिलाफ हत्या के मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की गई है. याचिका के मुताबिक नीतीश कुमार अपने आपराधिक रिकॉर्ड को छुपाने के बाद संवैधानिक पद पर नहीं रह सकते हैं.
वहीं इस मुद्दे पर नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा ‘यह अच्छा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले को चुनाव आयोग के पास भेज दिया है. मैंने वही किया है जो चुनाव आयोग ने दिशानिर्देश जारी किए थे.जिसके मुताबिक आपको उन्हीं मामलों का उल्लेख करना होता था जिसको कोर्ट ने संज्ञान लिया हो. आपको बता दें कि नीतीश कुमार के महागठबंधन से हटने के बाद लालू प्रसाद यादव ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था.