बेहतर महौल बना साथी तो उत्तराखंड में बढ़े हाथी
हल्द्वानी । वन्यजीवों के संरक्षण के मामले में उत्तराखंड अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी संवदेनशील है। एक ओर जहां दक्षिण भारत के राज्यों में हाथियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। वहीं, देवभूमि में बेहतर महौल के चलते संख्या बढ़ रही है। पिछले साल प्रदेश में हाथियों की संख्या 1017 थी, जो कि इस समय बढ़कर 1223 पहुंच गई है। हाथियों की संख्या में बढ़ोतरी उनके संरक्षण को लेकर एक सुखद संकेत है।
उत्तराखंड का अधिकांश हिस्सा पर्वतीय है। हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर को तराई क्षेत्र माना जाता है। इसके अलावा नैनीताल जिले का आधा हिस्सा भी मैदान में आता है। वन्यजीवों की विविधता को लेकर कार्बेट पार्क भी विश्व प्रसिद्ध है। मैदानी हिस्सा कम होने के बावजूद पिछले साल जून में हुई गिनती के बाद 206 हाथी राज्य में बढ़ गए। वन विभाग की मेहनत के कारण तस्करों की सक्रियता क्षेत्र में कम हुई और हाथियों का कुनबा बढ़ता चला गया।