इस तरह टूट गई थी ‘शोले’ और ‘डॉन’ जैसी फिल्मों के राइटर सलीम-जावेद की सुपरहिट जोड़ी
नई दिल्ली: सलमान खान के पिता और सलीम-जावेद की जोड़ी के हिट राइटर सलीम खान आज 82 साल के हो गए हैं. उन्होंने अपने करियर में जावेद अख्तर के साथ मिलकर ‘जंजीर’, ‘हाथी मेरे साथी’, ‘यादों की बारात’, ‘दीवार’ और ‘शोले’ जैसी हिट फिल्में दी थीं. बॉलीवुड में इस जोड़ी की तूती बोलती थी. जावेद अख्तर सलीम से दस साल छोटे थे और सलीम खान राइटिंग में आने से पहले एक्टिंग में हाथ आजमा चुके थे. वे स्मार्ट थे और कमाल की पर्सनेलिटी के धनी भी थे. जिस वजह से उन्होंने फिल्मों में हाथ आजमाया लेकिन वे छोटी फिल्मों में साइड हीरो तक ही सीमित रह गए. जब सलीम और जावेद की जोड़ी एक साथ आई तो इसने बॉलीवुड के इतिहास में कई कीर्तिमान कायम किए. अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बनाने में इस जोड़ी का महत्वपूर्ण योगदान रहा. हर किसी के मान में यही सवाल आता है कि आखिर यह जोड़ी टूटी कैसे?
इसका जवाब अनिता पाध्ये की मराठी किताब ‘यही है रंगरूप’ में मिलती है. किताब की लेखक ने सलीम के साथ लंबी बात की है. किताब में बताया गया है कि सलीम-जावेद ने मिलकर ‘मि. इंडिया’ किताब लिखी थी और वे चाहते थे कि इस फिल्म में अमिताभ बच्चन काम करें क्योंकि इसमें लीड एक्टर दिखेगा नहीं सिर्फ सुनाई देगा. ऐसे में अमिताभ बच्चन से बेहतर आवाज किसकी हो सकती थी. दोनों इस कहानी को लेकर उनके पास गए लेकिन इनविजिबल मैन की बात सुनकर अमिताभ कन्नी काट गए. किताब के मुताबिक, इस बात से जावेद उखड़ गए और उन्होंने कभी अमिताभ बच्चन के साथ काम न करने की बात कही. लेकिन सलीम इस बात से सहमत नहीं थे. फिर कुछ दिनों बाद होली की पार्टी में जावेद ने अमिताभ बच्चन से कहा कि सलीम उनके साथ काम नहीं करना चाहते हैं. इस बात से सलीम सकते में आ गए और दोनों के रिश्तों में दरार पड़नी शुरू हो गई.
उस समय दोनों की राहें अलग हो गईं जब जावेद अख्तर ने लिरिक्स लिखने का फैसला किया. सलीम इस पक्ष में नहीं थे. लेकिन ये जावेद ही थे जो सलीम से अलग हो गए. इस अलगाव के बाद जावेद को ही सबसे ज्यादा फायदा भी हुआ क्योंकि ऐसा लगता है कि उन्होंने अपनी सारी तैयारियां कर रखीं थीं जबकि सलीम इस दरार के लिए तैयार नहीं थे.